योजना- चाणक्य नीति के अनुसार एक व्यक्ति को अपनी योजनाओं को लेकर हर व्यक्ति से चर्चा नहीं करनी चाहिए। व्यक्ति जब किसी गंभीर और महत्वपूर्ण काम या ज़िम्मेदारी को हाथ में लेता है तो उसे विश्वासपात्र लोगों के साथ ही अपनी योजनाओं को साझा करना चाहिए। क्योंकि शत्रु के हाथ में अगर आपकी योजना की जानकारी लग जाये तो वो उसमे अड़चने डाल सकता है।
क्रोध- चाणक्य नीति कहती है की व्यक्ति को जितना हो सके अवगुणों से दूर रहना चाहिए। शत्रु आपको हारने करने के लिए आपकी सबसे कमजोर कड़ी और बुरी आदत पर प्रहार करता है। क्रोध भी एक ऐसी ही बुरी आदत हैं। गुस्से में व्यक्ति सही और गलत का भेद नहीं कर पाता है। इसलिए अपने गुस्से को काबू कर इस अवगुण से दूर ही रहना चाहिए।