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हंगामे के बीच शादी के लिए लडक़ी की उम्र 21 साल करने का विधेयक पेश-स्थाई समिति को भेजा

locationनई दिल्लीPublished: Dec 21, 2021 09:49:00 pm

Submitted by:

Shadab Ahmed

केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री ईरानी ने लोकसभा में रखा
विपक्ष ने जताया विरोध पूछा सवाल: सरकार को इतनी जल्दबाजी क्यों?
 

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नई दिल्ली. लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए बाल विवाह प्रतिशेध (संशोधन) बिल, 2021 पेश किया। ईरानी ने लैंगिक समानता के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए लडक़ी की शादी की उम्र को बढ़ाना जरूरी बताया। जबकि विपक्ष ने विरोध जताते हुए सवाल पूछा है कि संवेदनशील मुद्दे पर सरकार को इतनी जल्दबाजी क्यों है?

केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने बिल पेश करते हुए कहा कि महिला संरक्षण और सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह देश के इतिहास में निर्णायक कदम है। रेकॉर्ड बताता है कि देश में 15 से 18 साल की 60 फीसदी लड़कियां गर्भवती मिल चुकी है। 18 साल से कम उम्र में 23 फीसदी लड़कियों की शादी कर दी गई। उन्होंने कहा कि देश में 2015 से 2020 तक करीब 20 लाख बाल विवाह रोके गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि यह बिल चर्चा के लिए स्थाई समिति को भेजा जाए। इस पर आसन ने बिल को स्थाई समिति को भेज दिया।
ग्रामीण महिलाओं का अपमान

ईरानी ने कहा कि यह कहना कि अशिक्षित महिला अपने अधिकारों का न तो ज्ञान रख पाएगी और न उसका इस्तेमाल कर पाएगी। यह ग्रामीण अंचल की बहिनों का अपमान है।

पहले भी बढ़ाई जा चुकी है शादी की उम्र

ईरानी ने लोकसभा में कहा कि 1940 तक लडक़ी की शादी की उम्र 10 साल थी, जिसे 12 और फिर 14 साल किया गया। 1978 में इसे 15 साल कर दिया गया। आज हम समानता के अधिकार देखते हुए लडक़े और लडक़ी की शादी की उम्र 21 साल करना चाहते हैं।
हड़बड़ी होती है गड़बड़ी-चौधरी

इस बिल का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, बीजू जनता दल, शिवसेना और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल को पेश किए जाने का विरोध किया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज के बिजनेस की संपलीमेंट्री लिस्ट में इसको बिल को शामिल कर सरकार के नापाक इरादों का पर्दाफाश होता है। उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे पर देशभर में चर्चा हो रही हो, उसे इतनी हड़बड़ी में क्यों लाया जा रहा है। हड़बड़ी में गड़बड़ी होती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बिल को लेकर राज्यों के अलावा विभिन्न स्टेक होल्डर्स से चर्चा तक नहीं की। इस बिल को तुरंत स्थाई समिति को भेजना चाहिए। वहीं एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को कानूनी रूप से 18 साल की उम्र में शादी करने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि अन्य सभी उद्देश्यों के लिए कानून इस उम्र में उन्हें वयस्क मानता है।
सरकार ने बताए आयु बढ़ाने के 5 बड़े कारण

1. लड़कियों को लडक़ों के बराबर आयु में शादी का अधिकार मिलने से लैंगिक समानता की गारंटी

2. महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम, आत्मनिर्भर होते हुए लडक़ी रोजगार, शिक्षा, विवाह जैसे फैसले करने में खुद होगी सक्षम
3. मातृ मृत्युदर, शिशु मृत्यु दर में कमी के साथ पौष्टिकता के स्तरों में सुधार
4. लैंगिक अनुपात में बढ़ोतरी की संभावना
5. अधिक आयु में अभिभावक बनने से बच्चों की देखरेख में जिम्मेदारी का अहसास होगा
विपक्ष के 5 बड़े सवाल


1. विवाह की आयु बढ़ाने से लैंगिक समानता कैसे आएगी?
2. जब 18 साल की आयु में सरकार चुन सकती है और लिव इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं तो पार्टनर क्यों नहीं चुन सकते?
3. उम्र बढ़ाने का कानून बनाने से पिछड़े इलाकों में बाल विवाह रुकने की क्या गारंटी है?
4. 18 साल में व्यस्क कहलाएंगे, लेकिन शादी की उम्र अलग क्यों?

5. संवेदनशील मुद्दे पर राज्यों और विभिन्न वर्गों से बात किए बिना जल्दबाजी में बिल क्यों लाया गया?

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