नई दिल्ली

भारत में चीनी कंपनियां जासूसी में भी लिप्त

ड्रेगन की पोल: भारतीय एंजेसियों की दो साल की जांच में खुलासा

नई दिल्लीJun 06, 2022 / 09:58 pm

Mukesh

भारत में चीनी कंपनियां जासूसी में भी लिप्त

नई दिल्ली. चीनी कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी, जासूसी और अहम लोगों की प्रोफाइलिंग जैसी गतिविधियों में लिप्त हैं। ये कंपनियां डेटा फिल्टर का काम भी कर रही हैं। यह खुलासा भारतीय एजेंसियों की जांच में हुआ है। एजेंसियां दो साल से इन कंपनियों की जांच कर रही हैं। भारतीय अधिकारियों ने जासूसी की पूरी चेन की जांच की। प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों पर छापे और मोबाइल ऐप पर शिकंजा कसने के साथ भारत में चीनी कंपनियों के निवेश की भी जांच की गई।

तिब्बत के भिक्षुओं को दे रहे प्रलोभन
अधिकारियों ने जांच में ऐसे अंडर कवर एजेंट्स का पता लगाया, जो तिब्बती भिक्षुओं को प्रलोभन देने की कोशिश में थे। जांच में टेलीकॉम कंपनी का शीर्ष अधिकारी संवेदनशील दस्तावेज के साथ पाया गया। जांच में प्रमुख बिजनेस लीडर्स की विस्तृत प्रोफाइलिंग का भी खुलासा हुआ। चीन की कंपनियां विभिन्न तरीकों से सूचना और डेटा एकत्र कर रही हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में साइबर हमले 94 फीसदी बढ़े
साइबर सुरक्षा फर्म सोफोस की नई रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के संगठनों पर रैनसमवेयर हमलों में 2021 में 94 फीसदी की वृद्धि हुई। वर्ष 2022 के पहले दो महीनों के दौरान भारत समेत 31 देशों में मध्यम आकार के संगठनों के 381 हेल्थकेयर उत्तरदाताओं और 5,600 आइटी पेशेवरों का सर्वेक्षण करने वाले सोफोस डेटा से पता चला कि स्वास्थ्य सेवा संगठन अन्य की तुलना में फिरौती की मांग का भुगतान करने में सबसे आगे हैं। स्वास्थ्य सेवा में रैनसमवेयर हमले के बाद सिस्टम को दोबारा हासिल करने में 1.85 मिलियन डॉलर (करीब 14.36 करोड़ रुपए) का खर्च आता है।
चीन की चालाकियों का मकसद…
लोगों के दिमाग और विचार को प्रभावित करने की कोशिश।
मार्केट और प्राइवेट कंपनियों पर आर्थिक नियंत्रण हासिल करना।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजन के लिए बड़े पैमाने पर डेटा एकत्र करना।
खुलकर जासूसी जैसी गतिविधियों में लिप्त होना।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.