शपथ ग्रहण समारोह उच्चतम न्यायालय के अतिरिक्त भवन परिसर के सभागार में होगा। प्रधान न्यायाधीश के अदालत कक्ष में ये न्यायाधीश शपथ लेंगे। बता दें कि परंपरागत रूप से नए न्यायाधीशों को पद की शपथ प्रधान न्यायाधीश के अदालत कक्ष में दिलाई जाती है।
पहली महिला न्यायाधीश बनने की कतार में बी. वी. नागरत्ना गौरतलब है कि शपथ लेने वाले 9 नए न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका, विक्रम नाथ, जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, हिमा कोहली और बी. वी. नागरत्ना शामिल हैं। इसके अलावा न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार, एमएम सुंदरेश, बेला एम त्रिवेदी और पीएस नरसिम्हा को भी पद की शपथ दिलाई जाएगी। न्यायमूर्ति नागरत्ना सितंबर 2027 में पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनने की कतार में हैं।
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बता दें कि 9 नए न्यायाधीशों के शपथ लेने के साथ उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में सीजेआइ (CJI) समेत कुल 34 न्यायाधीश हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह का डीडी न्यूज, डीडी इंडिया पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसके अलावा शपथ ग्रहण समारोह का लाइव वेबकास्ट सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक वेब पोर्टल के होम पेज पर भी उपलब्ध होगा। सुप्रीम कोर्ट में वकीलों को सीधे जज बनाने की शक्ति संविधान के अनुच्छेद 124 से आती है। इसके अनुसार वह व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में जज बन सकता है, जो कम से कम पांच साल हाईकोर्ट के जज रहे हों। या हाईकोर्ट में कम से कम 10 साल वकालत की हो या राष्ट्रपति की राय में प्रमुख न्यायिवद हो, लेकिन सु्प्रीम कोर्ट में अब तक तीसरी श्रेणी के लोगों को जज नहीं बनाया गया है। जो भी वकील सीधे जज बने हैं वह दूसरी श्रेणी यानी वकालत पेशे से ही आते हैं।