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दिल्ली में आप से समझौता की कवायद में केंद्रीय कांग्रेस, प्रदेश नेतृत्‍व अड़ा

locationनई दिल्लीPublished: Aug 04, 2018 06:40:22 pm

Submitted by:

Mazkoor

दिल्‍ली कांग्रेस का मानना है कि प्रदेश में उसकी सीधी लड़ाई आम आदमी पार्टी से है और इन दोनों का कमोबेश वोटबैंक भी एक है।

ajay maken

दिल्ली में आप से समझौता की कवायद में केंद्रीय कांग्रेस, प्रदेश नेतृत्‍व अड़ा

नई दिल्ली : 2014 में आम चुनाव के बाद से कांग्रेस पार्टी लगातार लचीली हुई है और वह पूरे देश में गठबंधन की राजनीति करने को तैयार दिख रही है। इसी क्रम में वह दिल्‍ली में भी आम आदमी पार्टी से गठबंधन करने की रणनीति पर विचार कर रही है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस की दिल्‍ली इकाई इसके लिए ज्‍यादा उत्‍सुक नहीं है। उसका मानना है कि दिल्‍ली में उसकी सीधी लड़ाई आम आदमी पार्टी से है, इसलिए उसके साथ पार्टी का जाना ठीक नहीं होगा।

प्रदेश इकाई है विरोध में
कांग्रेस के एक प्रमुख नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि केंद्रीय इकाई में दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर जहां पशोपेश है, वहीं प्रदेश कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में कतई नहीं है। केंद्रीय नेतृत्‍व में हालांकि दो धड़ा है। एक धड़ा चाहता है कि आप से गठबंधन कर 2019 के चुनाव में उतरा जाए तो दूसरा धड़ा आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तरह का संबंध रखने के खिलाफ है। वह अन्‍ना आंदोलन के समय में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के साथ हुई खटास को भूलने के लिए तैयार नहीं है। इस वजह से दिल्‍ली में आप से गठबंधन को लेकर कांग्रेस हाइकमान भी हिचक रहा है।

केजरीवाल दिखा रहे हैं इच्‍छा
दूसरी तरफ आम मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कई मौकों पर अपने भाषण से यह जताने की कोशिश की है कि 2019 में भाजपा का विजयी रथ रोकने के लिए वह लचीला रवैया अपनाने को तैयार हैं। यहां तक कि दिल्‍ली में भी जहां वह क्‍लीन स्‍वीप कर जीते हैं, वहां भी गठबंधन को तैयार हैं। इसके लिए उन्‍होंने फिलर्स भी भेजे हैं, पर बताया जाता है कि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन इसके लिए तैयार नहीं हैं। उनका मानना है कि आप और कांग्रेस का वोटबैंक कॉमन है। ऐसे में आप जितना मजबूत होगी, कांग्रेस उतना कमजोर होगी। इसलिए आप से दूरी बनाए रखना ही बेहतर है। यही वजह है कि कांग्रेस हाइकमान भी एकतरफा फैसला लेना नहीं चाहता। उसने प्रदेश इकाई को आश्वस्त किया है कि अगर दिल्ली में वह आप के साथ गठबंधन की ओर बढ़ेगी तो उसमें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस नेतृत्‍व की राय जरूर सुनी जाएगी। वैसे जानकारों का मानना है कि अगर दिल्‍ली में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन हो जाता है तो दिल्‍ली में भाजपा के‍ लिए 2019 लोकसभा चुनाव में एक सीट जीतना भी मुश्किल हो जाएगा।

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