यह टिप्पणी जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने बसपा सांसद अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय की जमानत अर्जी खारिज करते हुए की। राय अपने खिलाफ दर्ज केस को वापस कराने के लिए पीडि़ता और गवाह पर दबाव बनाने के आरोप में जेल में हैं।
उनके दबाव के कारण पीडि़ता और उसके गवाह ने सुप्रीम कोर्ट के सामने फेसबुक पर लाइव आकर आत्महत्या का प्रयास किया था। दोनों की अस्पताल में मौत हो गई थी। इस केस में हजरतगंज थाने में सांसद राय और पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कोर्ट ने सिविल सोसायटी से कहा कि उन्हें जाति व धर्म की संकीर्णता से ऊपर आपराधिक छवि वाले नेताओं को नकार देना चाहिए।
लोकतंत्र बचाएं…
कोर्ट ने कहा कि संसद में आपराधिक छवि वाले सदस्यों की संख्या बढ़ रही है। संसद की सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे लोगों को राजनीति में आने से रोके और लोकतंत्र को बचाए। कोर्ट ने कहा कि चूंकि संसद और आयोग आवश्यक कदम नहीं उठा रहे हैं, भारत का लोकतंत्र अपराधियों, ठगों और कानून तोडऩे वालों के हाथों में सरक रहा है।