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तीन महीने में 15 साल पुरानी गाड़ियां हो जाएंगी स्‍क्रैप, दिल्‍ली की हवा में आएगा सुधार

locationनई दिल्लीPublished: Aug 26, 2018 09:08:37 pm

Submitted by:

Mazkoor

15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को इको फ्रेंडली तरीके से अधिकृत सेंटरों पर स्क्रैप यानी टुकड़े-टुकड़े किया जा सकेगा।

air pollution

तीन महीने में 15 साल पुरानी गाड़ियां हो जाएंगी स्‍क्रैप, दिल्‍ली की हवा में आएगा सुधार

नई दिल्ली : दिल्‍ली सरकार ने शुक्रवार को देश की राजधानी में पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने की गाइड लाइंस जारी की है। इसके अनुसार 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को इको फ्रेंडली तरीके से अधिकृत सेंटरों पर स्क्रैप यानी टुकड़े-टुकड़े किया जा सकेगा। इतना ही नहीं दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों के अलावा दूसरे राज्‍यों से ट्रांसफर की गई गाड़ियों को भी इन अधिकृत सेंटरों पर स्क्रैप किया जा सकेगा।

ये गाड़ियां सीधे कर ली जाएंगी जब्‍त
बता दें कि गाइडलाइंस के मुताबिक, लॉ-एनफोर्समेंट और सिविक एजेंसियां, जैसे एमसीडी, ट्रैफिक पुलिस, कैंट बोर्ड, एनडीएमसी, ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट को अब यह अधिकार मिल गया है कि सड़क पर खड़े कबाड़ वाहनों, 15 साल से पुराने चलते मिले वाहन को वह जब्त कर लें और वह उन्हें टुकड़े-टुकड़े करने के लिए स्क्रैपिंग सेंटर भेज दिए जाएंगे। अब ऐसी गाड़ियां उनके मालिकों को नहीं सौंपी जाएंगी।

तीन महीने की रिकॉर्डिंग रखनी होगी
अधिकृत स्क्रैप डीलरों को गाड़ी की डिटेल्‍स रखनी होगी। इसके साथ उसका न्‍यूनतम स्‍क्रैप मूल्‍य भी अपनी वेबसाइट पर डालनी होगी। अधिकृत सेंटरों को सीसीटीवी कैमरे के जरिये हर गाड़ी की स्क्रैपिंग प्रक्रिया रिकॉर्ड करना अनिवार्य होगा र तीन महीने तक यह रिकॉर्डिंग रखनी ही होगी। इसके अलावा स्क्रैप वाहनों का कंप्यूटराइज्ड रिकॉर्ड रखना होगा और ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट को हर महीने इसकी डिटेल्‍स भेजनी होगी। डीलर वाहन मालिक को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट देगा। वाहन के चेसिस नंबर का कट-पीस संभालकर रखना होगा। एक सेंटर को 5 साल के लिए लाइसेंस मिलेगा।

पर्यावरण का न हो नुकसान, इसका रखना होगा ख्‍याल
बता दें कि गाइड लाइंस फॉर स्क्रैपिंग ऑफ मोटर वीकल इन दिल्ली 2018 में नेशनल ग्‍लोबल ट्रब्यिूनल के निर्देशों का ध्यान रखा गया है। इस गाइड लाइंस के अनुसार, गाड़ियों को स्क्रैप किए जाने के दौरान इस बात का पूरा ध्‍यान रखना होगा कि किसी भी सूरत में इससे पर्यावरण का नुकसान न हो और दिल्‍ली में वायु प्रदूषण में इससे मदद मिले। इसमें सुधार आए। इतना ही नहीं गाइड लाइंस के अनुसार, पुरानी गाड़ियां का स्क्रैप कहां होगा और इसके लिए अधिकृत स्क्रैप डीलरों का चयन तथा इसके लिए आवश्‍यक प्रक्रिया के लिए जरूरी ऑनलाइन सिस्टम भी तीन महीने के भीतर कर लिया जाएगा। यानी 90 दिनों के भीतर दिल्ली में सभी पुरानी गाड़ियां स्क्रैप की जा सकेंगी। इस गाइड लाइंस के बाद जहां हवा में सुधार आएगा, वहीं सड़कें भी साफ होंगी। वर्तमान में ऐसे सिर्फ 10 प्रतिशत पुराने वाहन ही अधिकृत केंद्रों पर स्क्रैप होने के लिए आती हैं, जबकि 90 फीसदी वाहनों की जानकारी विभाग को भी नहीं होती कि वह कहां गईं और किस हाल में हैं।

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