मैक्स अस्पताल पर लगाया 24 लाख का जुर्माना, 12 साल पहले मरीज के इलाज में की थी लापरवाही
दो अन्य लोगों को भी मिली सजा…
आपको बता दें कि कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि तमाम सबूतों के आधार पर यह साबित होता है कि शिकायतकर्ता पर किसी धारदार हथियार से वार किया गया है जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया। बता दें कि अदालत ने इस मामले में विधायक समेत तीन लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 324, 341 और धारा 34 के तहत दोषी करार दिया था। हालांकि आरोपियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि जिस समय यह वारदात हुई थी वे घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे। उन्हें किसी साजिश के तहत फंसाया गया है।
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क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि 2016 में शिकायतकर्ता योगेंद्र विधुर ने अपने उपर हुए मारपीट को लेकर अदालत से गुहार लगाई और न्याय की मांग की। दरअसल विधायक सहीराम के मकान के बाहर से जाने वाली सड़क पर निर्माण कार्य चल रहा था। इस पर विधायक ने सुपरवाइजर को सड़क निर्माण रोकने की हिदायत दी थी, लेकिन शिकायतकर्ता ने विधायक से कहा कि इस जगह पर सड़क बनना बेहद जरूरी है। इस पर विधायक बेहद नाराज हो गए और फिर अपने दो सहयोगियों के साथ उसकी पिटाई कर दी।