दिल्ली का इलेक्ट्रॉनिक्स खपत में 7.5 फीसद हिस्सा डीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन है कि दिल्ली को देश के आर्थिक विकास इंजन के रूप में स्थापित किया जाए। दिल्ली में एक बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम बनाकर रोजगार पैदा किए जाएं। दिल्ली का राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स खपत में 7.5 फीसदी हिस्सा है। दिल्ली में अच्छा ट्रांसपोर्ट, लोजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क है। इसके अलावा दुकान के कर्मचारियों से लेकर इंजीनियरों तक, प्रशिक्षित मानव संसाधन हैं। दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को आवश्यक बुनियादी ढांचा और नीतिगत सहायता प्रदान करने की योजना है। जिससे बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा हों। केजरीवाल सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन से निर्माण की श्रृंखला विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिस तरह से पिछले 7 वर्षों में सार्वजनिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के साथ अन्य क्षेत्रों में काम हुआ है, उसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के क्षेत्र में कार्य होगा।
कई कंपनियों के प्रतिनिधि हुए शामिल इस बैठक में डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह, डीएसआईआईडीसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजीव मित्तल, डीएसआईआईडीसी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक अमन गुप्ता, ईपीआईसी फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष अजय चौधरी को अलावा सैमसंग, डेकी, सहस्रा इलेक्ट्रॉनिक्स, डीलिंक, साइबर मीडिया, ऑप्टिमस, यंत्र (फ्लिपकार्ट), 3 एस टच सर्विस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, एसजी कॉरपोरेट मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड, एल्कोमा, एल्किना के साथ कई कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कई कंपनियों के प्रतिनिधियों को चर्चा में यह सुनिश्चित करने के लिए आमंत्रित किया कि आने वाली नीति सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए हितकारी रहे। इलेक्ट्रॉनिक्स एक तेजी से बदलने वाला उद्योग है जो बाजार की लगातार बदलती मांगों को पूरा करता है। केजरीवाल सरकार को उम्मीद है कि प्लग एंड प्ले बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने से औद्योगिक इकाइयों तेजी से कार्य शुरू करेंगी। इसके जरिए सभी बुनियादी सुविधाएं जैसे रेडी-बिल्ड शेड, बिजली और पानी के कनेक्शन, सामान्य सुविधाएं आदि प्रदान की जाएंगी।
इंडस्ट्रियल स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी को दी प्राथमिकता ईपीआईसी फाउंडेशन के संस्थापक व अध्यक्ष और एचसीएल टेक के सह-संस्थापक अजय चौधरी ने कहा कि दिल्ली सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व ने हर कदम पर आर्थिक नीति-निर्माण में इंडस्ट्रियल स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी है। भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के विकास में बाधा डालने वाले विभिन्न कारणों को दूर करने के लिए ऐसी राजनीतिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। अन्य राज्य सरकारें उद्योगों के लिए रियायती भूमि की पेशकश करती हैं। वहीं, दिल्ली मॉडल उद्योगों के लिए सुविधाएं प्रदान करता है। बिजनेस को आगे बढ़ने के लिए सुविधाएं प्रदान करने का केजरीवाल सरकार का दिल्ली मॉडल, व्यवसायों को जल्द राजस्व उत्पन्न करने में बहुत मदद करता है।