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दिल्ली: चिड़ियाघर में लगा प्रवासी रंगीन सारसों का तांता, दर्शकों के लिए बना आकर्षण का केंद्र

locationनई दिल्लीPublished: Aug 19, 2018 07:21:05 pm

Submitted by:

Anil Kumar

चिड़ियाघर में इस बार अभी तक 150 से अधिक रंगीन सारस आ चुके हैं, जबकि अगले कुछ सप्ताह में करीब 500 से अधिक रंगी सारसों के आने की उम्मीद है।

दिल्ली: चिड़ियाघर में लगा प्रवासी रंगीन सारसों का तांता, दर्शकों के लिए बना आकर्षण का केंद्र

दिल्ली: चिड़ियाघर में लगा प्रवासी रंगीन सारसों का तांता, दर्शकों के लिए बना आकर्षण का केंद्र

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के चिड़ियाघर में वैसे तो सफेद बाघ और अफ्रीकन हाथी हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहते हैं लेकिन कुछ दिनों से पर्यटकों को रंब-बिरंगे सारस अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं और उन्हे खुब लगा रहे हैं। इन दिनों चिड़ियाघर में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर ज्यादातर पानी जमा हैं वहां इन प्रवासी सारसो का अड्डा बन गया है। चिडियाघर प्रशासन का कहना है कि बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10 दिन पहले ही पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इस बार अभी तक 150 से अधिक रंगीन सारस आ चुके हैं, जबकि अगले कुछ सप्ताह में करीब 500 से अधिक रंगी सारसों के आने की उम्मीद है।

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इस वर्ष 30 प्रतिशत अधिक सारसों के आने का है अनुमान

आपको बता दें कि दिल्ली चिड़ियाघर के डायरेक्टर रेनू सिंह ने बताया, ‘अमूमन सारसों का आगमन 15 अगस्त के आसपास होता है। लेकिन इस वर्ष थोड़ा पहले ही ये आ गए हैं। अभी तक लगभग 150 के आसपास रंगीन सारस आ चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि चिडियाघर में कुछ पुराने पानी वाली जगहें हैं जिन्हें मरम्मत किया जा रहा है और पक्षयों के रहने लायक बनाया जा रहा है। रेनू सिंह का कहना है कि अधिकारियों की यह कोशिश है कि अधिक से अधिक प्रवासी पक्षियों के रहने के लिए जगह बनाया जाए। उनका अनुमान है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 30 प्रतिशत अधिक रंगीन सारस आ सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष बर्ड फ्लू फैलने के कारण 3 महीने के लिए चिडियाघर को बंद कर दिया गया था।

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हर वर्ष आते हैं प्रवासी पक्षी

आपको बता दें कि इस मौसम में दिल्ली के चिडियाघर में हर वर्ष अधिक से अधिक प्रवासी पक्षी आते हैं। दरअसल 15 अगस्त के बाद से भारत के मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है और शरद ऋतु की ओर मौसम बढ़ने लगता है। यहां गर्मी कम होना शुरू हो जाता है और बारिश का मौसम होता है। इससे पक्षियों के रहने के लिए अनुकूल मौसम होता है।

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