‘आप’ ने कहा भ्रम में पड़ सकते हैं वोटर
आपको बता दें कि अदालत में आम आदमी पार्टी ने दलील दी है कि उसकी पार्टी के नाम जैसे मिलते-जुले नाम की पार्टी का गठन कर वोटरों को धोखा देने का तरीका इजाद किया गया है। इस तरह के नाम से वोटर वोट डालते समय उलझन में पड़ सकते हैं। आम आदमी पार्टी की दलील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी। केजरीवाल सरकार ने चुनाव आयोग के मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर आम आदमी पार्टी से मिलते-जुलते नाम वाली पार्टी का पंजीकरण क्यों किया गया? AAP का दावा है कि वोटिंग के दौरान मतदाता कंफ्यूज हो जाएंगे जिससे उनके वोट प्रतिशत पर असर पड़ेगा। पार्टी ने कोर्ट में गुहार लगाते हुए मांग की है कि ‘आपकी अपनी पार्टी’ के पंजीकरण को रद्द किया जाए। हालांकि अब इस मामले में अगली सुनवाई 13 नवंबर को होनी है और चुनाव के जवाब से यह साफ हो पाएगा कि ‘आपकी अपनी पार्टी’ का भविष्य क्या होगा?