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अतिक्रमण हटाने में कितने लोग लगे हैं?
आपको बता दें मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दिल्ली सरकार की ओर से यातायात व्यवस्था ठीक करने और अतिक्रमण हटाने के लिए कोई निर्धारित समय सीमा न बताए जाने पर आपत्ति जताते हुए कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील ए कादरी से पूछा कि आखिरकार राजधानी में ट्रैफिक बोटलनेक को हटाने में दो वर्ष का समय कैसे लग गया? इसके जवाब में वकील ने कहा कि अंडरपास, फुटओवर ब्रिज और फ्लाईओवर बनाने में वक्त लगेगा। तो इसपर फिर से कोर्ट ने पूछा कि इसका मतलब है कि आम लोगों को दो-तीन वर्ष और जूझना पड़ेगा। वकील ने बताया कि दिल्ली सरकार अतिक्रमन हटाने के लिए उचित कदम उठा रही है और इस पर लगातार काम जारी है। अदालत ने सरकार ने पूछा कि आखिरकार सड़कों व फुटपाथों पर ऐसे कितने लोग हैं जिन्होंने अतिक्रमण कर रखा है। कोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए।
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दिल्ली पुलिस आयुक्त से मांगे जवाब
बता दें कि इसके अलावे कोर्ट ने दिल्ली यातायात पुलिस की फरवरी 2017 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार से पूछा कि अथॉरिटी की ओर से अब तक उचित कदम क्यों नहीं उठाया गया है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस आयुक्त को आप बुलाइए और जवाब मांगे क्योंकि वे दिल्ली पुलिस के मुख्या हैं। इस पर वकील ने कोर्ट से आग्रह करते हुए कहा कि पुलिस आयुक्त को समन न करें। तो अदालत ने कहा कि दिल्ली में सबसे बडी परेशानी यह है कि कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार ही नहीं है।