क्या था मामला वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह (51 साल) पर आरोप है कि उन्हें हनीट्रैप के जरिए फंसाया गया और उनसे देश की खुफिया जानकारी हासिल की गई। उनपर आरोप है कि उन्होंने भारतीय वायुसेना की खुफिया जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को दे दी थी। मारवाह पर यह भी आरोप है कि वे सोशल मीडिया के जरिए कई महीनों से आईएसआई की एक महिला एजेंट से संपर्क में थे और एजेंट को कई अहम जानकारी दे रहे थे।
एयरफोर्स हेडक्वार्टर में ले जाते थे फोन अरुण मारवाह पर आरोप है कि वो एयरफोर्स हेडक्वार्टर में अपना फोन लेकर जाते थे, जो नियम के खिलाफ है। कयास लगाया जा रहा है कि इसी फोन के जरिए वो जानकारी इकट्ठा करते थे और सोशल साइट के जरिए आईएसआई एजेंट को मैसेज भेजते थे।
ऐसे शुरू हुई थी कहानी जानकारी के मुताबिक, दिसंबर 2017 में ग्रुप कैप्टन केरल की राजधानी त्रवेंद्रम गए थे। जहां फेसबुक मेसेंजपर किरण रंधावा नामक एक आईडी से इनवाइट आया था। इसके बाद दोनों के बीच चैटिंग शुरू हुई, बाद में वीडियो और फोटो भी भेजने का काम शुरू हो गया। वहीं, पूछताछ के दौरान अरुण मारवाह ने बताया था कि मैंने कुछ गोपनीय दस्तावेज मेसेंजर पर ही किरण रंधावा को भेजे थे। एक दूसरी आईडी से भी संपर्क में था, जिस पर महिमा लिखा हुआ था, इसे भी दस्तावेज भेजे। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि वे न तो लड़की से मिले हैं और न ही कोई पैसा लिया है।