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दिल्ली को जल्द ही मिलेगी 2.64 रुपए प्रति यूनिट बिजली, काम में जुटी केजरीवाल सरकार

locationनई दिल्लीPublished: Aug 04, 2018 10:12:56 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

सरकार बिजली बिल में भारी कटौती करने की तैयारी में है। सरकार एक नए मॉडल पर काम कर रही है, जिससे शहर में बिजली प्रति यूनिट 2.64 रुपये की दर से उपलब्ध होगी।

Arvind Kejriwal

दिल्ली को जल्द ही मिलेगी 2.64 रुपए प्रति यूनिट बिजली, काम में जुटी केजरीवाल सरकार

नई दिल्ली: अरविन्द केजरीवाल की सरकार अगर अपने नए मॉडल पर सफल होती है तो जल्द ही राजधानी दिल्ली में बिजली के बिल में भारी कटौती देखने को मिल सकती है। शनिवार को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार एक नए मॉडल पर काम कर रही है, जिसमें शहर में 1 रुपये प्रति यूनिट की दर से सौर ऊर्जा मुहैया कराया जाना शामिल है। दक्षिण पश्चिम दिल्ली के द्वारका में पांच आवासीय सोसाइटियों की छत पर 416.5 किलोवाट की क्षमता वाले सौर संयंत्रों का उद्घाटन करने के बाद केजरीवाल ने एक सभा को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। इन नए संयंत्रों से बिजली प्रति यूनिट 2.64 रुपये की दर से उपलब्ध होगी।

एक रूपए यूनिट होगी यूनिट सौर बिजली

सीएम केजरीवाल ने कहा कि आने वाले महीनों में, हम लोगों को 1 रुपये प्रति यूनिट सौर बिजली प्रदान करने की कोशिश करेंगे, हमारे बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन एक नए सौर ऊर्जा मॉडल पर काम कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि संयंत्र को किसी भी अतिरिक्त भूमि के इस्तेमाल के बिना स्थापित किया गया। यह स्वच्छ ऊर्जा संयंत्र अपने पूरे जीवनकाल में 10,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को प्रतिस्थापित करेगा। हर साल इन संयंत्रों से 4.8 लाख यूनिट्स से ज्यादा बिजली का उत्पादन होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने भी दी सौगात

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्लीवासियों को एक बड़ी सौगात दी। कोर्ट ने शहर में बेकार और अपर्याप्त सार्वजनिक यातायात को दुरुस्त करने के लिए गुरुवार को दिल्ली सरकार को 500 स्टेंडर्ड फ्लोर बसें खरीदने की अनुमति प्रदान की। न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली में बसों की कमी के चलते यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह अस्थायी तौर पर कदम उठाया गया है। शीर्ष अदालत का यह आदेश दिल्ली सरकार और दिल्ली परिवहन निगम द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के एक जून के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में आया है जिसके तहत विशिष्ट श्रेणी के यात्रियों की सुविधा बढ़ाए बिना स्टेंडर्ड फ्लोर की 2,000 बसों को खरीदने से रोक दिया था। सरकार ने कहा कि खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बसों की अति आवश्यकता को देखते हुए बसें खरीदने का निर्णय लिया गया।

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