दिलशाद पर हत्या समेत कई मामले दर्ज थे
दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी कि मृतक दिलशाद की पृष्ठभूमि आपराधिक थी। उनके खिलाफ जामिया नगर थाने में हत्या के प्रयास समेत कई मामले दर्ज हैं। वह दो महीने जेल काटने के बाद पिछले माह 24 अगस्त को ही जमानत पर जेल से बाहर आया था।
सात साल में दूसरे बसपा नेता की हत्या
बता दें कि बसपा नेता दिलशाद पहले व्यक्ति नहीं हैं, जिनकी इस इलाके में हत्या हुई है। इससे पहले एक और जिला पंचायत सदस्य की भी प्रॉपर्टी विवाद में हत्या हो चुकी है। 23 सितंबर 2011 को बसपा से जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। संजय गुर्जर पूर्व विधायक योगेश वर्मा के काफी करीबी माने जाते थे। संजय गुर्जर की जिस समय हत्या हुई, उस समय उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा था। बता दें कि दिलशाद को भी उनका करीबी माना जाता था।
2015 में जीता था पंचायत सदस्य का चुनाव
बता दें कि दिलशाद ने 2015 में बसपा के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था। दिलशाद और उनकी पत्नी दिल्ली के बाटला हाउस के एक फ्लैट में रहता था। उसके तीन बच्चे आठ साल की मरियम, सात साल का उमर और सात माह का अम्मार भी साथ ही रहता था। वह प्रॉपर्टी के कारोबार में शामिल था। दिलशाद के पिता की अब्दुल्ला खान की मौत हो चुकी है। इसके अलावा उसके बाकी के परिवार के सदस्य सटला मेरठ में रहते हैं।