सफेद दाग या विटिलिगो चमड़ी के रोग की एक किस्म है जिससे त्वचा पर सफेद निशान पड़ जाते हैं
नई दिल्ली. सफेद दाग या विटिलिगो चमड़ी के रोग की एक किस्म है जिससे त्वचा पर सफेद निशान पड़ जाते हैं। ‘वल्र्ड विटिलिगो डे’ के मौके पर यह जागरूकता फैलाई जानी चाहिए कि सफेद दाग से पीडि़त लोगों के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
स्किन, हेयर और लेजर क्लिनिक के कंसल्टेंट डॉ भावुक मित्तल का कहना है कि जब हमारे शरीर के रंग पैदा करने वाले सैल चमड़ी में काम करना बंद कर देते हैं तो हल्के रंग या दुधिया सफेद दाग निकलने शुरू हो जाते हैं जो बाद में फैल जाते हैं। नरेंदर मोहन हॉस्पिटल एंड हार्ट सेंटर के डर्मटॉलॉजिस्ट डॉ.हर्षवर्धन का कहना है कि जेनेटिक्स, रोग प्रतिरोधक क्षमता में गड़बड़ी, तनाव इसकी वजह हो सकती है। इसे विटामिन बी12, फोलेट, कॉपर और जिंक की कमी की वजह से भी जोड़ा जा सकता है।
लोगों को समझना होगा कि यह छूत का रोग नहीं है और रंग में गड़बड़ी की वजह से यह होता है। यह छूने से नहीं फैलता, इसका किसी मानसिक रोग से कोई संबंध नहीं है। एलोपेथी में इसके कुछ ईलाज हैं जिससे इसे फैलने से रोका जा सकता है।