सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस इस बार 2017 जैसे हालात का सामना नहीं करना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी ने नतीजों से पहले ही एड़ी चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हुई मुलाकात के बाद एकाएक मंगलवार को कांग्रेस में हलचल तेज हो गई। जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर चार राज्यों में भेजा गया है। वहीं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को दिल्ली बुला लिया है। नतीजे आने तक पार्टी की कई बैठकें भी होने वाली है।
बघेल को उत्तराखंड का जिम्मा
उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा में नजदीकी मुकाबला बताया जा रहा है। ऐसे में एक-एक विधायक को साथ रखने के लिए पार्टी को मशक्कत करनी पड़ सकती है। इस तरह के हालात को देखते हुए गांधी परिवार के नजदीकी व छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को यहां की जिम्मेदारी दी गई है। उनके साथ राज्यसभा सांसद दीपक हुड्डा भी रहेंगे।
गोवा में पांच साल पहले कांग्रेस भारी उलट फेर देख चुकी है। यही वजह है कि वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी.चिदंबरम (P.Chidambram) को चुनाव प्रभारी बनाया गया था। वहीं चुनाव के बाद की संभावनाओं को देखते हुए चिदंबरम की मदद के लिए कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी.शिवकुमार (D.shivkumar), सतीश जारकीहोली और सुनील केदार को गोवा भेजा गया है।