यात्रियों की सुरक्षा पर रेल मंत्रालय का फोकस बना हुआ है। रेलटेल की ओर से रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीएसएस स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत प्रतीक्षालय, आरक्षण काउंटर, पार्किंग क्षेत्र, मुख्य प्रवेश-निकास, प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज, बुकिंग कार्यालय आदि को शामिल किया जाएगा। प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर दो पैनिक बटन भी लगाए जाने हैं। संकट में किसी भी व्यक्ति के पैनिक बटन सक्रिय करने के बाद तत्काल उस तक मदद पहुंचाई जाएगी। यह कार्य निर्भया फंड के तहत किया जा रहा है। फिïलहाल 756 स्टेशनों पर काम चल रहा है। जबकि शेष स्टेशनों का कार्य फेज़-2 के तहत होगा।
4 तरह के कैमरे लगेंगे सिस्टम के तहत डॉम, बुलेट, पैन टिल्ट ज़ूम और अल्ट्रा एचडी-4 टाइप के आईपी कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं। इससे रेलवे परिसरों के भीतर अधिकतम कवरेज सुनिश्चित हो सकेगा। इससे रेल सुरक्षा बल अधिकारियों को बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक तरह की अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी। सीसीटीवी कैमरों से मिलने वाली वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग 30 दिनों के लिए स्टोर भी की जा सकेगी।
ऐसे करेगा अलर्ट एफआरए वीएसएस (सीसीटीवी) सिस्टम लाइव सीसीटीवी वीडियो फीड से चेहरे की छवियों को कैप्चर करेगा। यदि यह छवि ब्लैकलिस्ट से मैच हो जाती है तो सिस्टम अलर्ट उत्पन्न करेगा। यह है Artificial intelligence की विशेषता
1. घुसपैठ का पता लगाना (रेलवे संचालन क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले लोग)
2. कैमरा छेड़छाड़
3. आवारागर्दी करते हुए पकडऩा
4. मानव और वाहन का पता लगाना
5. विशेषता के आधार पर मनुष्यों की खोज
6. रंग खोज
7. नीचे गिरा हुआ व्यक्ति।
8. संयुक्त खोज (मानव/वाहन और रंग)
नई तकनीक को समाहित करने की जरूरत
हमें रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की आवश्यकता है। रोलिंग स्टॉक, निर्माण, सुरक्षा, साइबर सुरक्षा व आपात हालात में तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।
अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्री
हमें रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की आवश्यकता है। रोलिंग स्टॉक, निर्माण, सुरक्षा, साइबर सुरक्षा व आपात हालात में तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।
अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्री