-अधीक्षक समिति को बायपास करके सीधे करवा रहे खरीद मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में सामानों की खरीदी में हो रही गड़बड़ी में नया खुलासा हुआ है। क्रय समिति की अनुशंसा के बगैर अस्पताल अधीक्षक सीधे सप्लाई ऑर्डर जारी करवा रहे हैं। ‘पत्रिका ने इस बारे में क्रय समिति अध्यक्ष डॉ. नीलेश जैन से चर्चा की। उन्होंने बताया, ‘मुझे तो खरीद के बारे में कुछ पता नहीं हैं। मेरे तक तो कागज ही नहीं पहुंच रहे हैं।
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Big News: तीस पैसे के स्क्रू को 8 रुपए में खरीद रहा नया अस्पताल बतौर क्रय अधिकारी साल भर में मुश्किल से तीन या चार कागज साइन किए हैं। वैसे क्रय समिति में मेरे अलावा तीन अन्य सदस्य जिनमें बतौर अध्यक्ष अधीक्षक, एकाउंट ऑफिसर व डिमांड कर्ता होता है। जिस लेटर में यह कोरम पूरा नहीं होता हैं, मैं साइन नहीं करता हूं। अधिकांश खरीद मेरी अनुशंसा के बिना हो रही हैं।उन्होंने कहा, ‘बीते साल में हुई सभी खरीद की जांच होनी चाहिए। यह भी पढ़ें
नए अस्पताल में कम्प्रेशर खरीद में भी घपला, एमआरपी से ज्यादा दाम पर किया सप्लाई गुनाह है…लेकिन कार्रवाई नहीं? एमआरपी से अधिक दर पर खरीदी के मामले पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. मीणा का कहना है कि एमआरपी से ज्यादा रुपए में सप्लाई देना गुनाह है। जब उनसे पूछा कि संबंधित फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएंगे तो बोले कि पहले तथ्य जुटाएंगे। फिर कार्रवाई करेंगे। Made In Kota: एक साथ चार गेम में चैम्पियन है कोटा की ये बेटी क्रय समिति ही जिम्मेदार टेंडर से पहले अनुमानित दर से निविदा राशि तय होती है। इसी राशि के अनुसार टेंडर प्रक्रिया तय होती हैं। यह दरें तय करने की जिम्मेदारी लेखा शाखा की होती हैं। स्टोर प्रभारी की जिम्मेदारी नहीं होती हैं। इस पूरी प्रक्रिया में गड़बड़ी होने पर क्रय समिति ही जिम्मेदार हैं।
पूर्वा अग्रवाल, वित्तीय सलाहकार, मेडिकल कॉलेज