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सोनिया से मिलने के बाद गहलोत बोले मौका आएगा तो मिलकर तय करेंगे अध्यक्ष

locationनई दिल्लीPublished: Aug 23, 2022 05:11:45 pm

Submitted by:

Shadab Ahmed

Congress: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुलाकात की। इसके बाद गहलोत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर बड़ा बयान दिया, जिससे सियासी पारा चढ़ गया।

ashok gehlot

ashok gehlot file photo

सांसद राहुल गांधी के कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए राजी नहीं होने के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एक से बढक़र एक सक्रिय नेता व कार्यकर्ता है। जब कभी मौका आएगा तब सभी मिलकर ही अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। हालांकि गहलोत अब भी राहुल को ही अध्यक्ष बनाने पर जोर देते दिखे और कहा कि आखिर में उन्हें ही पार्टी की कमान संभालनी होगी।
कांग्रेस के संगठन चुनाव प्रक्रिया का अंतिम पड़ाव आ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचन का कार्यक्रम अब कभी भी घोषित हो सकता है। ऐसे में पार्टी के भीतर से राहुल गांधी के अध्यक्ष बनाने की मांग चौतरफा से हो रही है। इसके बावजूद राहुल ने अब तक सहमति नहीं दी है। ऐसे हालात में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई नेताओं के नामों की अध्यक्ष बनाने की चर्चा चल रही है। इस बीच गहलोत ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। अध्यक्ष बनाने के सवाल पर गहलोत ने साफ कहा कि उनका नाम मीडिया ने चला रखा है। मुझसे कोई चर्चा नहीं कर रहा है और मेरा नाम अध्यक्ष के लिए चला रहे हैं। जबकि देश में एक से बढक़र एक नेता व कार्यकर्ता है। जब कभी मौका आएगा तब सभी मिलकर अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। गहलोत ने कहा कि आज हालात को देखते हुए सभी लोग एकराय होकर चुनाव करेंगे तो बेहतर होगा।
बनाते रहेंगे दबाव
गहलोत ने कहा कि राहुल के बिना कार्यकर्ता निराश हो जाएंगे। सभी की भावना है कि राहुल को अध्यक्ष बने। हम उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे और अध्यक्ष बनाने के लिए दबाव बनाते रहेंगेे। अगले कुछ दिनों में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा शुरू हो रही है। इसको सभी मिलकर सफल बनाएंगे।
गुजरात पर फोकस
गहलोत ने कहा कि गुजरात के चुनाव नजदीक है। फिलहाल हमारा फोकस गुजरात पर बना हुआ है। जहां हम अच्छा प्रदर्शन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात में 27 साल से भाजपा शासन कर रही है। नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के लिए गुजरात मॉडल की मार्केटिंग की गई। जबकि यह मॉडल कुछ भी नहीं है। यदि यह मॉडल अच्छा होता तो भाजपा को मुख्यमंत्री से लेकर पूरी कैबिनेट को बदलना नहीं पड़ता। कोरोना के दौरान गुजरात सरकार पर लापरवाही के आरोप लगे। विकास ठप हो गया। इसके चलते ही भाजपा को गुजरात में बड़ा बदलाव करना पड़ा था।
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