गहलोत ने यह बातें महंगाई को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल होने से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ हुई पत्रकार वार्ता में कही। गहलोत ने पीएम मोदी व भारत का नाम लिए बिना जर्मनी में हुई हिटलर की तानाशाही का जिक्र किया। उन्होंने मार्टिन निमोलर का हवाला देते हुए कहा कि जब जर्मनी में हिटलर की तानाशाही हुई थी और विपक्षी, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, अल्पसंख्यक को निशाने पर लेने लगे, लेकिन वहां की जनता चुप रही। जनता को लगा कि यह राजनीतिक लड़ाई है। 1945 में हिटलर की तानाशाही के चलते जर्मनी पूरा बर्बाद हो गया, तब वहां के लोगों को बहुत पछताना पड़ा। अगर समय रहते लोकतंत्र की आवाज उठाई जाती, तो देश बर्बाद नहीं होता। गहलोत ने इसका मतलब है कि आज अगर हम चुप रहेंगे, तो इतिहास माफ नहीं करेगा।
लोकतंत्र को खत्म करने का खतरनाक खेल गहलोत ने कहा कि देश में क्या हालात हैं। यह पहली बार हो रहा है कि संसद चल रही है और नेता प्रतिपक्ष को ईडी बुला रही है। देश में लोकतंत्र को खत्म करने का खतरनाक खेल हो रहा है। आंदोलन कांग्रेस कर रही है। अन्य जिस विपक्षी दल को अच्छा लगा तो साथ दे, वरना खुद व सामाजिक संगठन, एनजीओ, एक्टिविस्ट के माध्यम से सरकार के खिलाफ खड़े हो।
32 साल से कोई पद नहीं, फिर डर क्यों
गहलोत ने कहा कि गांधी परिवार से राहुल गांधी या अन्य कोई भी 32 साल से प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बना। फिर मोदी उनसे क्यों डरते हैं।