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चीन ने किया हमला तो दुनिया देगी हमारा साथ: ताइवान

locationनई दिल्लीPublished: May 08, 2022 03:07:48 pm

Submitted by:

Amit Purohit

ताइवान के हवाई क्षेत्र में चीन की घुसपैठ, ताइवान ने बढ़ाया अपना अलर्ट स्तर

चीन ने किया हमला तो दुनिया देगी हमारा साथ: ताइवान

चीन ने किया हमला तो दुनिया देगी हमारा साथ: ताइवान

ताइपे. ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा है कि अगर यूक्रेन पर रूसी हमले की तरह चीन भी हम पर हमला करता है तो हमें उम्मीद है कि दुनिया के देश हमारा साथ देंगे। पश्चिमी देशों की तरह ताइवान ने भी रूस और बेलारूस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। वू ने कहा अगर हमें चीन द्वारा बलपूर्वक धमकी दी जाती है या हम पर हमले किए जाते हैं तो निश्चित रूप से हम आशा करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ताइवान का समर्थन करेगा। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ताइवान ने अपना अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है। हालांकि ताइपे में सरकार ने आसन्न चीनी हमले के कोई संकेत नहीं दिए हैं। ताइवान आज, अपने स्वयं के संविधान और लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेताओं के साथ पश्चिम में एक स्वतंत्र देश के रूप में स्वीकार तो किया जाता है लेकिन इसकी राजनीतिक स्थिति स्पष्ट नहीं है।
हमला होता है तो क्या होगा
ताइवान पर चीनी आक्रमण होता है तो दुनिया कैसे प्रतिक्रिया देगी, यह भविष्य की बात है। दरअसल, अमरीका और सभी यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों सहित अधिकांश देशों के चीन के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध हैं, ताइवान के साथ नहीं। यूक्रेन के विपरीत ताइवान को एक देश के रूप में मान्यता नहीं है। ताइवान दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर स्थित एक द्वीप है। चीन मानता है कि ताइवान उसका एक प्रांत है, जो अंतत: एक दिन फिर से चीन का हिस्सा बन जाएगा। दूसरी ओर, ताइवान खुद को आजाद मानता है। उसका अपना संविधान है और वहां लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार का शासन है। ताइवान पर चीन से जुड़ा कोई संकट आता है तो अमरीका सैन्य हस्तक्षेप करेगा या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है। अमरीका अपना पक्ष खुल कर नहीं बताता। ताइवान का कोई सहयोगी नहीं है लेकिन उसके पास ताइवान संबंध अधिनियम, 1979 का अमरीकी कानून है। इसके अनुसार अमरीका को ताइवान को ‘आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाए रखने में आवश्यक सैन्य उपकरण की आपूर्ति करनी होगी।’

चीन ने ताइवानी क्षेत्र में फिर भेजे 18 फाइटर जेट
चीन ने शुक्रवार को ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र (एडीआइजेड) में 18 युद्धक विमानों को भेजा। द्वीप की सरकार ने इस साल इसे चीन की दूसरी सबसे बड़ी घुसपैठ बताया है। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि चीन के फाइटर प्लेन को वापस खदेड़ दिया गया। 23 जनवरी को ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में 39 युद्धक विमानों ने घुसपैठ की थी। 2021 की अंतिम तिमाही में चीन द्वारा ताइवान के एडीआइजेड में घुसपैठ में वृद्धि देखी गई, 4 अक्टूबर को एक दिन में 56 युद्धक विमानों ने क्षेत्र में प्रवेश किया था। पिछले साल, ताइवान ने चीनी युद्धक विमानों द्वारा अपने एडीआइजेड में 969 घुसपैठ दर्ज की थी जो कि 2020 में 380 घुसपैठ से दोगुनी है। 2016 में साइ इंग-वेन के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से चीन ने ताइवान पर दबाव बढ़ा दिया है, क्योंकि वे द्वीप को एक संप्रभु राष्ट्र मानती हैं और चीन के दबाव को स्वीकार नहीं करतीं।

ताइवान पर चीन की ‘ऐतिहासिक विसंगति’

सेवानिवृत्त डच राजनयिक गेरिट वैन डेर वेस ने कहा है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के तत्कालीन अध्यक्ष माओत्से तुंग ने ताइवान पर चीन के दावों का खंडन किया था। वेस ने कहा कि माओत्से तुंग ने 1937 में कथित तौर पर अमरीकी पत्रकार एडगर स्नो से कहा था, ‘हम उन्हें (कोरियाई) स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष में अपनी मदद देंगे। यही बात ताइवान पर भी लागू होती है।’ इस तरह पहले चीन ताइवान को ‘स्वतंत्र देश’ मानता था। हालांकि, अब कहता है कि ‘ताइवान उसका हिस्सा है।’
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