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पंजाब में विधायकों के बगावती तेवर
आपको बता दें कि आप की पंजाब इकाई में भी विद्रोह के सुर मुखर होने लगे हैं। पंजाब में आप के 20 विधायकों में से लगभग आधे से अधिक विद्रोह की मुद्रा में हैं। इसके अलावा पार्टी के चार सांसदों में दो अब पार्टी के साथ नहीं हैं। बीते दिनों पंजाब में पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखपाल सिंह खैहरा को विपक्ष के नेता पद से हटाने के बाद कई विधायकों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। इससे केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव में काफी परेशानी हो सकती है।
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अब तक कई दिग्गज नेताओं ने ‘आप’ से किनारा
आपको बता दें कि यह कोई पहला अवसर नहीं है जब किसी वरिष्ठ नेता ने नाराज होकर पार्टी छोड़ी हो। इससे पहले आम आदमी पार्टी की स्थापना के बाद जब पहली बार 49 दिन की सरकार बनी, उसके बाद पार्टी के अंदर खुलकर अंतर्विरोध सामने आने लगे। उस दौरान कई नेताओं ने केजरीवाल के कार्यशैली से नाराज होकर पार्टी से किनारा कर लिया। तो वहीं कई को आवाज उठाने कारण पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। बता दें कि इस कड़ी में आम आदमी पार्टी के कई संस्थापक सदस्य बीते पांच वर्षों में पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें वरिष्ठ वकील शांति भूषण, प्रशांत भूषण, पूर्व जस्टिस संतोष हेगड़े, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, अखिल गोगोई, प्रो. आनंद कुमार, मयंक गांधी, विधायक कपिल मिश्रा आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा पार्टी के नेता आशीष खेतान ‘आप’ सरकार के दिल्ली संवाद आयोग के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। जबकि सबसे प्रखर वक्ता कुमार विश्वास को पार्टी ने हाशिए में धकेल दिया है। एक जमाने में जब आम आदमी पार्टी की स्थापना को लेकर आंदोलन हो रहे थे तब प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आशीष तलवार के साथ-साथ आशुतोष पार्टी के थिंक टैंक नेताओं में शामिल थे। लेकिन अब ये सभी लोग पार्टी से खुद को किनारा कर चुके हैं।