धौलपुर

श्रद्धालु व जलीय जीवों के लिए बढ़ रहा खतरा, देखने के लिए पहुंच रहे लोग

धौलपुर. ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुण्ड सरोवर में दो-तीन दिन से मगरमच्छ होने की सक्रियता जताई जा रही है। यही नहीं मचकुण्ड के कुछ महंत और आने-जाने वाले लोगों ने भी देखा है। यदि ऐसा है तो इससे मचकुण्ड पर आने वाले श्रद्धालुओं और विभिन्न जलीय जीवों को खतरा हो सकता है। वैसे मगरमच्छ को पकवाने के […]

धौलपुरMar 18, 2017 / 09:47 pm

narendra singh

In the pond of machkund is seeing crocodile everytime

धौलपुर. ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुण्ड सरोवर में दो-तीन दिन से मगरमच्छ होने की सक्रियता जताई जा रही है। यही नहीं मचकुण्ड के कुछ महंत और आने-जाने वाले लोगों ने भी देखा है। यदि ऐसा है तो इससे मचकुण्ड पर आने वाले श्रद्धालुओं और विभिन्न जलीय जीवों को खतरा हो सकता है। वैसे मगरमच्छ को पकवाने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को सूचना पहुंचाई गई है। 

पहुंच रहे दर्शक

 सरोवर में मगरमच्छ के होने की मौजूदगी की सूचना जैसे-जैसे लोगों को मिल रही है, देखने के लिए मचकुण्ड पर पहुंच रहे हैं। यही नहीं लोग मचकुण्ड पर मगरमच्छ को देखने के लिए घंटों घाटों पर इंतजार भी करते नजर आ रहे हैं। लोग टकटकी लगाए सरोवर में देखते रहते हैं कि कब मगरमच्छ दिखे।

 खतरे के संकेत

 महंतों ने बताया कि मचकुण्ड पर धार्मिक कार्यों में शामिल होने या आयोजनों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। घाटों पर आंचमन करते समय कोई भी अनहोनी हो सकती है। सरोवर में सिक्के खोजने के लिए जाने वाले बच्चों के लिए भी खतरा है। इतना ही नहीं सरोवर में रहने वाले विभिन्न जलीय जीवों के लिए अधिक खतरा है। जबकि कुछ माह पूर्व सरोवर की गंदगी को साफ करने के लिए करीब १० हजार मछलियां छोड़ी गई थीं। वो मछलियां अब काफी बड़ी हो गई हैं और इनके साथ ही अन्य जलीय जीव हैं। इनका कहना है मचकुण्ड सरोवर में मैंने खुद मगरमच्छ की मौजूदगी देखी है। अन्य लोगों के द्वारा भी बताया गया है। अभी मगरमच्छ ज्यादा बड़ा नहीं है। संबंधित विभागीय अधिकारियों को सूचना भिजवाई गई है, जिसे पकड़कर चंबल में छुडवाया जाएगा। महंत कृष्णदास, लाडली जगमोहन मंदिर मचकुण्ड धौलपुर।

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