शाह ने अपने संबोधन में कहा कि यहां इफको के नैनो यूरिया प्लांट के उत्पादन संयंत्र की आधारशिला रखी गई है। नरेंद्र मोदी ने भूमि संरक्षण को प्रमुख मुद्दा बना भूमि संरक्षण के सभी कार्यों को प्राथमिकता दी, चाहे वह प्राकृतिक खेती हो,ऑर्गेनिक खेती हो या नैनो यूरिया के अनुसंधान से लेकर उत्पादन तक की प्रक्रिया को गति देने की बात हो। शाह ने कहा कि नैनो यूरिया की देवघर इकाई बनने से यहां प्रतिवर्ष लगभग 6 करोड़ तरल यूरिया की बोतलों का निर्माण किया जाएगा जिससे इसके आयात पर हमारी निर्भरता कम होगी और भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद पूरे भारत के सहकारिता के डेटा बैंक को बनाने का काम किया गया है। अगले 5 वर्षों में सरकार हर पंचायत में नई बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना की सुविधा प्रदान करेगी।
सरकार गरीब को जितना फायदा देना चाहती है उसका 50% आवागमन में खर्च हो जाता है। लेकिन अब हर तहसील में दो से पांच हजार टन भंडारण क्षमता वाले आधुनिक गोदाम बनाए जाएंगे जिससे किसान का उत्पाद तहसील सेंटर पर ही स्टोर होगा और वहीं से मध्याह्न भोजन और गरीबों को मुफ्त अनाज के रुप में उसी तहसील में वितरित किया जाएगा जिससे अनाज के परिवहन खर्च में लगभग 80% की कमी आएगी।
मंत्री अमित शाह ने कहा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यूरिया के कई कारखाने दोबारा शुरू किए गए। आज 30 एकड़ में बना तरल यूरिया का यह छोटा सा कारखाना आयातित 6 करोड़ यूरिया खाद के बैग के विकल्प का निर्माण करेगा जिससे भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। इससे किसान की भूमि भी संरक्षित रहेगी और उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
इफको के नैनो यूरिया प्लांट शिलान्यास के अवसर पर गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे, इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।