संगठन के सचिव अनिल केन्या के मुताबिक योजना सिर्फ बरोई गांव में जैन समुदाय के लोगों के लिए है। गांव में जैन समाज अल्पमत में है। गांव में 400 जैन परिवार हैं। इनमें मुश्किल से 1,100 से 1,200 सदस्य हैं। मुंबईगरा केवीओ जैन महाजनों (मुंबई जा चुके समुदाय के लोगों का संगठन) की ओर से शुरू की गई इस योजना का लाभ 1 जनवरी, 2023 के बाद जन्म लेने वाले हर दूसरे और तीसरे बच्चे को मिलेगा।
कुछ परिवारों में केवल बुजुर्ग
केन्या का कहना है कि कुछ परिवारों में सिर्फ बुजुर्ग बचे हैं। भविष्य में उनकी देखभाल कौन करेगा? कई युवा जोड़े नि:संतान रहना पसंद करते हैं। समाज में सभी परिवार समृद्ध नहीं हैं। यह योजना उनके प्रोत्साहन के लिए है।
इसलिए भी घटे
समाजशास्त्री गौरांग जानी के मुताबिक जैन समुदाय के कई परिवार शिक्षित और अमीर होने के कारण गांव छोड़कर मुंबई या अन्य बड़े शहरों में बस गए। उन्होंने कहा कि जैन समुदाय की नजर में यह घोषणा उचित हो सकती है, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि दंपती इसे स्वीकार करेंगे या नहीं।