हालांकि, सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ कुछ भ्रष्टाचार के मामले हैं। कयास लगाया जा रहा है कि ध्यान भटकाने के लिए उन्होंने ऐसा किया है, क्योंकि उनके यहां एसीबी के छापे की उम्मीद थी। इधर, जज के इस्तीफे पर AIMIM सप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि जज का इस्तीफा देना कहीं न कहीं संदेह पैदा करता है। वहीं, जज के इस्तीफे पर कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।
गौरतलब है कि साल 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट से जुड़े मामले में हैदाराबाद की एनआईए की विशेष अदालत ने स्वामी असीमानंद समेत सभी 5 आरोपियों को बरी कर दिया है। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 58 लोग घायल हुए थे। अदालत ने सबूत के अभाव में सभी आरोपियों को बरी किया है। इसमें मुख्य आरोपियों में से एक स्वामी असीमानंद को भी अदालत ने बरी किया। इनके अलावा भारत मोहन लाल रतेश्वर, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, राजेंद्र चौधरी को भी अदालत ने बरी कर दिया है। यहां आपको बतादें कि इस मामले की सुनवाई के दौरान 54 गवाह अपने बयान से मुकर गए थे।
यह था मामला… गौरतलब है कि हैदराबाद में 18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान मक्का मस्जिद में एक ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में नौ लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 58 लोग घायल हुए थे। इस केस की सुनवाई के दौरान 160 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। सीबीआई ने एक आरोपपत्र दाखिल किया, इसके बाद 2011 में सीबीआई से यह मामला एनआईए के पास गया।
भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना वहीं, इस फैसले के बाद भाजपा ने भी कांग्रेस को आड़े हाथ लिया था। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वोट के लिए हिन्दू धर्म को बदनाम किया है। अब इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूरे देश से मांफी मांग लेनी चाहिए। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस के चेहरे से अब मुखौटा उतर गया है।