सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों को अपनी परिस्थितियों को बताने का एक मौका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दोषी अपनी-अपनी परिस्थतियों के बारे में बताएंगे, जैसे कि वे कहां रहते थे, क्या करते थे, उन्हें सजा क्यों न दी जाए? जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने फैसला किया कि चारों दोषियों की सजा पर नए सिरे से सुनवाई की जाएगी। मामले में शनिवार को भी सुनवाई होगी।
यह है मामला 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में छात्रा से 6 लोगों ने गैंगरेप किया था। एक आरोपी ने खुदकुशी कर ली, जबकि एक नाबालिग आरोपी 3 साल तक जुवेनाइल होम में रहने के बाद रिहा हो गया। शेष चार दोषियों को 2013 में दिल्ली हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
23 तक दें एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों के वकील एमएल शर्मा और एपी सिंह को उनसे मिलने के लिए तिहाड़ जेल जाने की अनुमति दी ताकि उनका हलफनामा लिया जा सके। कोर्ट ने अभियुक्तों को 23 फरवरी तक हलफनामा दायर करने को कहा है।