2019 आम चुनाव से पहले केजरीवाल के लिए बड़ी मुसीबत, एक-एक कर साथ छोड़ रहे हैं पार्टी के वरिष्ठ नेता
आपको बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने मामले की सुनवाई करते हुए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को संसदीय सचिव के पद रखने के लिए विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया था। जिसके खिलाफ सभी विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस सिलसिले में पहले भी सुनवाई हो चुकी है और अदालत ने कहा था कि इसकी सुनवाई चुनाव आयोग को करना है कि संसदीय सचिव का पद लाभ के दायरे में आता है या नहीं। आप विधायकों ने अदालत से मांग की थी कि चुनाव आयोग ने उनके पक्ष को सुने बिना ही यह निर्णय दिया है इसलिए उन्हें एक अवसर दिया जाए जिससे वो अपना पक्ष रख सकेंगे। मामले की अगली सुनावई के लिए आयोग ने 20 अगस्त को सूचीबद्ध कर दी थी। लेकिन चुनाव आयोग की ओर से अंतिम फैसला आने से पहले ही विधायकों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया था। अदालत ने इसी साल मार्च में इस मामले में फैसला देते हुए 20 अयोग्य विधायकों की विधानसभा की सदस्यता बहाल कर दिया था।