scriptDelhi Univesity: बिना फीस और हॉस्टल खर्च के डीयू में पढ़ सकेंगे अनाथ बच्चे, जानिए डीयू के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने क्या कहा? | Orphan children will be able to study in DU without fees | Patrika News

Delhi Univesity: बिना फीस और हॉस्टल खर्च के डीयू में पढ़ सकेंगे अनाथ बच्चे, जानिए डीयू के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने क्या कहा?

locationनई दिल्लीPublished: Feb 04, 2023 10:21:08 pm

Submitted by:

Rahul Manav

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में अब अनाथ बच्चे बिना फीस और हॉस्टल खर्च के डीयू में पढ़ाई कर सकेंगे। डीयू ने अपनी सभी कक्षाओं में अनाथ बच्चों के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान किया है। डीयू प्रशासन के अनुसार इससे हर साल उन हजारों अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा का मौका मिल सकेगा, जो आर्थिक अभाव में चाह कर भी अपनी आगामी पढ़ाई जारी नहीं रख सकते हैं। डीयू की शुक्रवार को आयोजित कार्यकारी परिषद (EC) की बैठक में इस विषय पर फैसला लिया गया है।

Delhi Univesity: बिना फीस और हॉस्टल खर्च के डीयू में पढ़ सकेंगे अनाथ बच्चे, जानिए डीयू के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने क्या कहा?

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में अब अनाथ बच्चे बिना फीस और हॉस्टल खर्च के डीयू में पढ़ाई कर सकेंगे। इस संबंध में डीयू के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने दी जानकारी।

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने इस संबंध में अपने शताब्दी वर्ष में अहम निर्णय लिया है। इस संबंध डीयू के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि डीयू के सभी कॉलेजों और विभागों में अनाथ लड़के और लड़कियों के लिए अंडर ग्रेजुएशट (UG) और पोस्ट ग्रेजुएशट (PG) दोनों स्तरों पर सभी कक्षाओं में एक-एक सीट आरक्षित होगी। आरक्षित सीटों पर दाखिला पाने वाले इन बच्चों की पढ़ाई और हॉस्टल फीस पूरी तरह से माफ होगी।
कुलपति ने कहा कि डीयू समाज के हर तबके को उच्च शिक्षा प्रदान करने के महत्व को समझता है, इनमें वे छात्र भी शामिल हैं, जिन्होंने दुर्भाग्यवश अपने माता-पिता को खो दिया है और अनाथ हो गए हैं। डीयू की यह सामाजिक जिम्मेदारी है कि ऐसे छात्रों की सहायता करे। इसी जिम्मेदारी को समझते हुए डीयू में यूजी और पीजी दोनों स्तरों पर अध्ययन के प्रत्येक कार्यक्रम में अनाथ छात्र (लड़कों और लड़कियों) के लिए एक-एक अतिरिक्त सीट क्रिएट करने पर विचार किया गया है। कुलपति ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एक केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों के लिए किसी भी आधार पर बिना किसी भेदभाव के शिक्षा के प्रति उत्तरदायी रहा है।
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हर प्रकार के शुल्क के भुगतान से दी जाएगी छूट

कुलपति ने इस योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे छात्र को हर प्रकार के शुल्क के भुगतान से छूट दी जाएगी, जिसमें उनके छात्रावास शुल्क, परीक्षा शुल्क और अन्य अनिवार्य शुल्क के भुगतान से छूट भी शामिल होगी। इस योजना के तहत एडमिशन के लिए विचारणीय छात्रों को डीयू के यूजी व पीजी के सभी उचित प्रावधानों का पालन करना होगा। विश्वविद्यालय या इसके कॉलेजों में ऐसे छात्रों के एडमिशन और अध्ययन को जारी रखने के लिए किया गया खर्च, विश्वविद्यालय कल्याण कोष या कॉलेज छात्र कल्याण कोष से पूरा किया जाएगा। कुलपति ने कहा कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में परिकल्पित वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत ग्रॉस एनरोलमेंट रेशो (GIR) जीईआर की उपलब्धि की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगी और विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष में मौजूदा प्रयासों को अपनी संस्थागत सामाजिक जिम्मेदारी (ISR) से जोड़ेगी।
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