एआईएमआईएम की मान्यता पर उठाया सवाल
इस याचिका में उनके अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने एआईएमआईएम को पंजीकृत राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता देने पर सवाल उठाया है और चुनाव आयोग को इसे रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है। बता दें कि 19 जून 2014 के चुनाव आयोग ने एक आदेश के जरिये एआईएमआईएम को तेलंगाना के राज्यस्तरीय दल की मान्यता दी गई थी। इस याचिका पर बुधवार को अदालत में सुनवाई हुई। वह अगले हफ्ते भी इस मामले की सुनवाई करेगा।
याचिका के अनुसार, एआईएमआईएम का आधार सांप्रदायिक है
इस याचिका में कहा गया है कि आरपी एक्ट की धारा 123 धार्मिक अपील के जरिये वोट मांगने को प्रतिबंधित करती है, जबकि एआईएमआईएम का आधार ही सांप्रदायिक है तो वह धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकती। वह सिर्फ मुस्लिमों से संबंधित मुद्दे उठाती है और धर्म के आधार पर वोट मांगती है। ऐसे में वह मुक्त तथा निष्पक्ष चुनाव को बाधित करेगी।
शिवसेना ने लगाई है यह याचिका
बता दें कि यह याचिका शिवसेना की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष तिरुपति नरसिंह मुरारी ने याचिका दायर की है और शिवसेना पर भी क्षेत्रीय तथा धार्मिक आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप अन्य पार्टियां लगाती रहती है। दूसरी तरफ हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर भी कुछ इसी तरह का आरोप अन्य पार्टियां लगाती रहती हैं। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की चर्चा विवादित नेता के रूप में भी होती है। वह अक्सर विवादित बयान देते रहते हैं।