नेचर फूड जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक अमरीका में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण कर पौधों के विकास का तरीका खोजा है। प्राकृतिक रूप से पौधे स्वपोषी होते हैं। यानी वे अपने भोजन के लिए कार्बन डाइ-ऑक्साइड, पानी और मिनिरल्स का इस्तेमाल करते हैं। यह प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण के जरिए होती है, जिसमें सूर्य की रोशनी जरूरी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि प्राकृतिक प्रक्रिया में सूर्य की रोशनी की ऊर्जा का सिर्फ 1 फीसदी पौधों तक पहुंचता है।
कुछ पौधों का तो और बेहतर विकास
केमिकल प्रक्रिया में ऊर्जा देने के लिए सौर पैनलों के जरिए बिजली पैदा की गई। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह सिस्टम कुछ पौधों के विकास को और बेहतर बना सकता है। वह अपना भोजन तैयार करने में 18 गुना तक बेहतर हो सकते हैं।
केमिकल प्रक्रिया में ऊर्जा देने के लिए सौर पैनलों के जरिए बिजली पैदा की गई। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह सिस्टम कुछ पौधों के विकास को और बेहतर बना सकता है। वह अपना भोजन तैयार करने में 18 गुना तक बेहतर हो सकते हैं।
केमिकल प्रक्रिया का इस्तेमाल इस रिसर्च के तहत कार्बन डाइ-ऑक्साइड, बिजली और पानी को एसीटेट में बदलने के लिए दो स्टेप वाली केमिकल प्रक्रिया इस्तेमाल की गई। इसमें सिरका प्रमुख कॉम्पोनेंट था। शोधकर्ताओं ने पाया कि भोजन पैदा करने वाले जीवों ने अंधेरे में एसीटेट का सेवन किया।