प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल एच.एस. बिली सोढ़ी के पत्र का जवाब देते हुए उन्हें भारतीय इतिहास और संस्कृति में घोड़ों की भूमिका पर भी अपने विचार साझा किए हैं। प्रधानमंत्री ने लिखा है कि घोड़े हमारी समृद्ध और गौरवशाली इतिहास और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप सूर्य देवता भी सात घोड़ों के रथ की सवारी करते हैं।
महराणा के घोड़े को भी याद किया
प्रधानमंत्री लिखते हैं कि महाराणा प्रताप और रानी लक्ष्मीबाई जैसे वीर योद्धाओं का उनके घोड़ों के साथ तालमेल और उनकी वीरता की कहानियां भी सर्वप्रचलित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘विराट’ और हमारे कैवेलरी यूनिट के अन्य जांबाज घोड़े आज भी इसी विशिष्ट परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया है कि सशस्त्र बलों और राष्ट्र की सेवा में समर्पित कैवेलरी यूनिट इसी तरह अपनी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाती रहेगी।
परेड में पहुंचे थे विराट के करीब
इससे पहले 73वें गणतंत्र दिवस परेड पर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अंगरक्षक बेड़े के चार्जर घोड़े विराट का माथा सहलाकर अपना स्नेह जताया था। विराट पिछले 19 साल से राष्ट्रपति के अंगरक्षक बेड़े में अपनी सेवाएं देने के बाद इसी साल जनवरी में सेवानिवृत्त हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात कार्यक्रम’ में भी ‘विराट’ की सेवाओं के लिए उसकी सराहना कर चुके हैं।
कर्नल ने मोदी को लिखा था पत्र
रिटायर्ड कर्नल सोढ़ी ने इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘विराट’ के प्रति दुलार जताने के लिए उनकी हृदय से प्रशंसा की थी और उनको धन्यवाद दिया था। कर्नल सोढ़ी ने प्रधानमंत्री को लिखा था कि विराट की सेवाओं को सम्मान देकर आपने इस गणतंत्र दिवस परेड को विशेष और यादगार बना दिया।