पीपीपी मॉडल पर आधारित होगा
प्रस्ताव पास होने के बाद से दिल्ली नगर निगम इसे जल्द से जल्द शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। उसने इसकी पूरी तैयारी कर ली है और जल्द ही वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाएगा। इसे पीपीपी मॉडल के आधार पर शुरू करने की योजना है। इस प्रस्तावित प्लांट को करीब 15 एकड़ में खोलने की योजना है। निगम इसके लिए भलस्वा या बवाना में जमीन मुहैया करवाने का विचार कर रहा है। इसकी जानकारी देते हुए स्थायी समिति की अध्यक्ष वीणा विरमानी ने बताया कि भलस्वा और बवाना दोनों जगहों पर जमीन उपलब्ध है। प्लांट कहां खोलना है, इस पर निगम जल्द फैसला ले लेगा। इसमें खासतौर पर इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि प्लांट से कम से कम अवशेष निकले। उम्मीद की जा रही है कि इस प्लांट से निगम को हर महीने करीब तीन करोड़ रुपए मासिक यानी 35-36 करोड़ रुपए सालाना राजस्व का फायदा होगा।
कचरे निष्पादन की समस्या होगी दूर
प्लांट के शुरू होने से बिजली का उत्पादन तो होगा ही, साथ में टनों कचरे का निबटान भी हो सकेगा। इस प्लांट में करीब 15 मेगावाट बिजली तैयार होगी। इस राजस्व में से करीब 12 फीसदी हिस्सा दक्षिणी नगर निगम का भी होगा। विरमाणी के मुताबिक प्लांट निर्माण में इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा कि इसकी वजह से आसपास के क्षेत्रों में रहने वालों को दुर्गंध का सामना न करना पड़े। इसके लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना है।