नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव,भारतीय जनता पार्टी को अब उसी के दांव से चित्त करने में जुट गए हैं। अखिलेश यादव वही फार्मूला अपना रहे हैं जो साल 2017 के चुनाव में अपना कर भारतीय जनता पार्टी ने ओबीसी वोटरों अपने पक्ष में किया था। अखिलेश यादव लगातार पिछड़ा वर्ग की अलग-अलग जातियों को साधने में लगे हैं। इसी के साथ-साथ अखिलेश की अब दलित वोटरों पर भी निगाह है। उत्तर प्रदेश में 18 से 19 फीसदी दलित वोटर हैं, जो पहले पूरी तरह से बहुजन समाज पार्टी और मायावती के प्रति समर्पित थे।
लेकिन मायावती के राजनीतिक तौर पर ज्यादा सक्रिय न होने और मायावती की तरफ से कोई विकल्प ना दिए जाने की वजह से दलित वोटरों में असमंजस की स्थिति है। भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता भी इसको लेकर परेशान हैं। भाजपा के बड़े नेताओं की मानें तो मायावती के सक्रिय न होने से उन्हें खासा नुकसान भी हो रहा है। इसी का फायदा अखिलेश यादव लेना चाह रहे हैं।