नई दिल्ली

19 फीसदी दलित वोटरों पर समाजवादी पार्टी की निगाह

-ओबीसी,मुस्लिम, दलित, ब्राम्हण समीकरण से ढाई सौ सीटों के पार जाने की तैयारी में अखिलेश
-अखिलेश यादव की भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर रावण से कोई मुलाकात!

नई दिल्लीJan 13, 2022 / 04:57 pm

anurag mishra

19 फीसदी दलित वोटरों पर समाजवादी पार्टी की निगाह

अनुराग मिश्रा

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव,भारतीय जनता पार्टी को अब उसी के दांव से चित्त करने में जुट गए हैं। अखिलेश यादव वही फार्मूला अपना रहे हैं जो साल 2017 के चुनाव में अपना कर भारतीय जनता पार्टी ने ओबीसी वोटरों अपने पक्ष में किया था। अखिलेश यादव लगातार पिछड़ा वर्ग की अलग-अलग जातियों को साधने में लगे हैं। इसी के साथ-साथ अखिलेश की अब दलित वोटरों पर भी निगाह है। उत्तर प्रदेश में 18 से 19 फीसदी दलित वोटर हैं, जो पहले पूरी तरह से बहुजन समाज पार्टी और मायावती के प्रति समर्पित थे।

लेकिन मायावती के राजनीतिक तौर पर ज्यादा सक्रिय न होने और मायावती की तरफ से कोई विकल्प ना दिए जाने की वजह से दलित वोटरों में असमंजस की स्थिति है। भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता भी इसको लेकर परेशान हैं। भाजपा के बड़े नेताओं की मानें तो मायावती के सक्रिय न होने से उन्हें खासा नुकसान भी हो रहा है। इसी का फायदा अखिलेश यादव लेना चाह रहे हैं।

इसी सिलसिले में उनकी मायावती के विकल्प के तौर पर उभरे भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर उर्फ रावण से मुलाकात हुई है। समाजवादी पार्टी के एक बड़े नेता ने नाम न बताने की शर्त पर जानकारी दी है कि जाटव वोटरों को छिटकने से बचाने के लिए चंद्रशेखर रावण और अखिलेश में बातचीत चल रही है। समाजवादी पार्टी की पूरी तैयारी है कि चंद्रशेखर रावण को दलितों के बड़े नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए। समाजवादी पार्टी अगर ऐसा करने में सफल होती है तो पश्चिम यूपी सहित प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जो दलित वोट है उसे अपने पक्ष में करने में कामयाब हो जाएगी। जिसका सीधा सीधा नुकसान भारतीय जनता पार्टी को हो सकता है। समाजवादी पार्टी के नेताओं के मुताबिक 19 फीसदी में से अगर 10 फ़ीसदी दलित वोट भी समाजवादी पार्टी के पक्ष में आ जाता है तो विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 260 से 280 सीटें मिल सकती है।
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