8 दिसंबर 2011 को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 418 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था ।इस मैच में भारत के कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने 149 गेंदों में 219 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी। जो वनडे क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्कोर है। वेस्टइंडीज की गेंदबाजी को तहस-नहस करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने इस पारी के दौरान 25 चौके और 7 छक्के लगाए थे।
उस समय बैटिंग टीम के लिए भी पावर प्ले लेने का प्रावधान था ।जब बैटिंग पावरप्ले शुरू हुआ तो, सहवाग ने कहा था मुझे लगा कि मैं डबल सेंचुरी तक पहुंच सकता हूं फिर 180 के स्कोर के करीब वेस्टइंडीज के आलराउंडर डेरेन सैमी ने उनका कैच ड्रॉप कर दिया।इस पर सहवाग ने कहा – आज मुझे दोहरा शतक लगाने से कोई नहीं रोक सकता, भगवान मेरे साथ हैं।
वीरेंद्र सहवाग के 219, गौतम गंभीर के 67, सुरेश रैना के 55 रनों की बदौलत भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट पर 418 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम इतने बड़े स्कोर के सामने नहीं टिक पाई और 265 रनों पर ऑल आउट हो गई। वेस्टइंडीज की तरफ से विकेटकीपर दिनेश रामदीन ने 96 गेंदों में 96 रनों की पारी खेली थी। भारत के तरफ से रविंद्र जडेजा और इस मैच में डेब्यू कर रहे राहुल शर्मा और ने तीन-तीन विकेट लिए। भारतीय टीम ने इस मैच को 153 रनों से जीता था। इस मैच में दोहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड मिला।