नई दिल्ली. ऑड-ईवन पार्ट टू की शुरुआत से पहले ही मुख्यमंत्री केजरीवाल पर एक बार फिर जूता फेंका गया है। केजरीवाल ऑड-ईवन सिस्टम के दूसरे फेज के लिए परिवहन मंत्री गोपाल राय के साथ शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। इसी दौरान आम आदमी सेना के एक कार्यकर्ता ने उन पर जूता फेंका और सीडी भी उछाली।
उन्होंने ऑड-ईवन स्कीम में फर्जी सीएनजी स्टीकर बांटने का आरोप लगाया। जूता फेंकने वाले वेद प्रकाश ने दावा किया कि उसके पास फर्जी स्टीकर की स्टिंग सीडी है। साथ ही आरोप लगाया कि केजरीवाल जनता के साथ गलत कर रहे हैं। इस बीच दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा है कि वेद प्रकाश जूता फेंकने से पहले दिल्ली भाजपा के नेता के संपर्क में था। उन्होंने वेद प्रकाश के मोबाइल की कॉल डिटेल की जांच करने की मांग की। वैसे, उन्होंने भाजपा नेता के नाम का खुलासा नहीं किया है।
घटना के बाद आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने वेद प्रकाश को पीटने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे बचा लिया। बाद सुरक्षाकर्मी उसे एक कमरे में ले गए पूछताछ की। वैसे, इस हंगामे के बीच केजरीवाल की कॉन्फ्रेंस जारी रही। आम आदमी सेना केजरीवाल के दल आम आदमी पार्टी से निकले असंतुष्टों का संगठन है। इसी संगठन की महिला कार्यकर्ता भावना अरोड़ा ने कुछ महीने पहले ऑड-इवन पार्ट वन की सफलता के जश्न के दौरान सीएम केजरीवाल पर स्याही फेंकी थी। इससे पहले वाराणसी में लोकसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल पर जूता फेंका गया था।
सीएम ने लिया सबक
जूता फेंकने की घटना के बाद केजरीवाल ने दो सबक लिए हैं। वह अपने सचिवालय में स्थित मीडिया सेंटर में अब कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करेंगे। साथ ही उनकी कॉन्फ्रेंस में अब सिर्फ डीआईपी रिपोर्टर ही जा पाएंगे।
जूता फेंकने वाला गिरफ्तार
केजरीवाल पर जूता फेंकने वाले शख्स को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसका नाम वेद प्रकाश बताया जा रहा है, जो आम आदमी सेना का नेता है।हम अपने रास्ते से नहीं भटकने वाले हैं। हमें पता है ये किसने करवाया है। संजय सिंह, आप नेता
इनको छूट
जिस कार में स्कूल ड्रेस में बच्चे बैठे हों, उसे इस योजना से बाहर रखा गया है। वैसे, केजरीवाल ने खुद स्वीकार किया कि स्कूली बच्चों के मामले में कुछ परेशानी हो सकती है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि स्कूली ड्रेस में बच्चे को स्कूल छोड़ा गया हो, लेकिन वापसी के वक्त उसमें बच्चा न बैठा हो। सरकार इसका समाधान करेगी। वीआईपी और सीएनजी कार को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। मेडिकल इमरजेंसी में यदि महिला कार को चला रही हो और उस पर अशक्त बैठा हो तो वह कार ऑड-ईवन योजना से दायरे से बाहर रहेगी।
हर महीने 15 दिन चाहते ऑड-ईवन
दिल्ली सरकार ऑड-ईवन योजना हर महीने में एक पखवाड़े तक चलाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इस योजना को स्थायी रूप से लागू करने के लिए सरकार ऑड-ईवन महीने में 15 दिन तक चलाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।