सात अध्य्यनों के बाद निकला निष्कर्ष दरअसल, कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की प्रभावशीलता और उसकी आवश्यकता को लेकर किए गए सात अध्य्यनों के बाद विशेषज्ञ इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। बड़ी बात यह है कि इसे अब नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भी स्वीकार किया है।
दूसरी लहर में संक्रमित हुई देश की आधी आबादी जानकारी के मुताबिक आईसीएमआर ने चौथे सीरो सर्वे के जरिए यह निष्कर्ष निकाला था कि देश की 67.6 फीसदी आबादी में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी मिली हैं। इसका मतलब देश की आधी से अधिक आबादी दूसरी लहर में संक्रमित हुई और फिर ये कुछ समय बाद ठीक भी हो गए। यही वजह है कि इनके शरीर में एंटीबॉडी मिले हैं।
इन लोगों में एक ही खुराक असरदार इस दौरान एक कोवाक्सिन(covaxin) और दो कोविशील्ड (covishield) टीके पर अध्ययन के अनुसार तीनों ही अध्ययन के परिणाम एक समान हैं। निष्कर्ष में पता चला कि जिन लोगों में पहले कोरोना (Covid-19) हुआ उन्हें स्वस्थ होने के बाद एक खुराक ही असरदार है।
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