रक्षा मंत्रालय की ओर से गुरुवार को यहां बताया गया कि इस प्री-इंडक्शन परीक्षण में मिसाइल प्रणाली की सटीकता व विश्वसनीयता सभी कसौटियों पर खरी साबित हुई। परीक्षण के दौरान ‘अग्नि-पी’ नाम से मशहूर मिसाइल ने निर्धारित सभी मानकों और उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। मिसाइल परीक्षण के डाटा हासिल करने के लिए रेडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन टर्मिनल बिंदु पर दो डाउन-रेंज जहाज व अन्य स्थानों पर लगाए गए थे। उल्लेखनीय है कि अग्नि-पी के पहले दो परीक्षण 2021 में 28 जून व 18 दिसम्बर तथा तीसरा परीक्षण पिछले साल 21 अक्टूबर को किया गया था। अब सेना के अधिकारियों के साथ इसका पहला यूजर ट्रायल हुआ है।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि की कॉपी-बुक प्रदर्शन के लिए बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं की टीमों और परीक्षण लॉन्च में शामिल यूजर्स के प्रयासों की सराहना की।
नई पीढ़ी की मारक मिसाइल
अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल डीआरडीओर की ओर से विकसित अग्नि सीरीज की नई जेनरेशन की मारक मिसाइल है। लगभग 11 हजार किलो वजनी अग्नि प्राइम दो हजार किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है। इस पर एक या मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल वारहेड लगाया जा सकता है। इसकी मदद से एक साथ गई लक्ष्यों पर निशाना साधा जा सकता है।