गौरतलब है कि जिला अदालत ने नवंबर, 2017 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और परिजनों की मानहानि के मामले में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा को दो साल की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। यहां आपको यह भी बतादें कि मुख्यमंत्री की ओर से दाखिल मानहानि संबंधी यह प्रदेश का पहला मुकदमा था।
यह था मामला… गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने 21 जून 2014 को एक प्रेस कॉनफ्रेंस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर व्यापमं मामले को लेकर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उनकी ससुराल गोंदिया के 19 परिवहन निरीक्षक भर्ती हुए। साथ ही मुख्यमंत्री निवास से किसी प्रभावशाली महिला द्वारा व्यापमं के आरोपी नितिन महिन्द्रा आदि को 129 फोन कॉल किए गए। इस मामले में 24 नवंबर 2014 को सरकार की अनुमति से लोक अभियोजक ने मुख्यमंत्री की मानहानि का मुकदमा दायर किया था। हालांकि, कोर्ट ने 50 हजार रुपए के मुचलके पर केके मिश्रा को जमानत पर रिहा कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को रद्द करते हुए सजा और जुर्माने दोनों को खत्म कर दिया है।
चुनाव से पहले शिवराज को झटका विदित हो कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। ऐसे में माना जा रहा है कि चुनाव से पहले शिवराज सिंह के लिए चुनाव से पहले यह कररा झटका है।