नई दिल्ली

सातवें वेतन आयोग की अभिशंसा लागू करने की मांग, सड़कों पर उतरे शिक्षक

राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने बुधवार को 11 सूत्री मांगों को लेकर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

नई दिल्लीJun 29, 2017 / 11:04 am

Rakesh gotam

sardarshahar churu

राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने बुधवार को 11 सूत्री मांगों को लेकर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें लिखा यदि शीघ्र मांगों पर विचार नहीं किया गया तो सरकार को इसका खामियाजा आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा। पंचायत समिति के आगे बड़ी संख्या में एकत्रित हुए शिक्षक रैली के रूप में एसडीएम कार्यालय पहुंचे। यहां सरकार विरोधी नारेबाजी की।
ज्ञापन में लिखा गया कि सातवें वेतन आयोग की अभिशंसा राज्य में शीघ्र लागू कर शिक्षकों का प्रारंभिक वेतनमान केंद्र के समतुल्य कर वेतन विसंगति दूर की जाए और ग्रामीण भत्ता दिया जाए। अध्यापकों के स्थानांतरण पर लगी रोक हटाकर अनिल बोर्डिया समिति की रिपोर्ट के मुताबिक तबादला नियम लागू किया जाए। इसके अलावा विद्यालय समयावधि में की गई वृद्धि वापिस लेने, विद्यालय बंद करने की प्रक्रिया रोकने व 2012 में नियुक्त शिक्षकों के बकाया एरियर एक मुश्त देने आदि मांगों का उल्लेख किया गया। ज्ञापन देने वालों में संघ के अध्यक्ष गौरीशंकर सिहाग, मंत्री अमरचंद सांडेला, प्रांतीय संयुक्त सचिव याकूब खान, रतीराम सारण, ऋषिकुमार सोनी व शिवभगवान सिद्ध आदि शिक्षक शामिल थे।

सादुलपुर. राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ (रेस्टा) उपशाखा कार्यकर्ताओं ने भटनागर कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर बुधवार को काला दिवस के रूप में विरोध जताया। प्रदेश मंत्री सुरेन्द्र काजला ने बताया कि एक जुलाई 2013 को कर्मचारी वर्गों की एंट्री-पे स्केल और गे्रड-पे दोनों बढ़ाकर आशानुरूप वेतन वृद्धि की। लेकिन कोई बदलाव नहीं करने के काराण प्रत्येक वरिष्ठ अध्यापकों को चार हजार रुपए का आर्थिक नुकसान तथा मानसिक पीड़ा पहुंचाई है। बार-बार मांग करने के बावजूद भी समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा शिक्षकों ने वेतन विसंगतियों को दूर करने की भी मांग की है। इस अवसर पर उपशाखा कार्यकर्ताओं ने रोश जताते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है।

सादुलपुर. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत ने 11 सूत्री मांगपत्र के समर्थन में प्रदर्शन किया। उप शाखाध्यक्ष महेन्द्रसिंह, निहालसिंह ने बताया कि स्थानांतरण नीति बनाने, सातवें वेतन आयोग को लागू करने, विद्यालयों का एकीकरण बंद करने, 2012 के शिक्षकों का स्थायीकरण एवं एरियर भुगतान करने, 2015 के शिक्षकों का वेतन नियमितीकरण करने की मांग की। बालिका विद्यालयों को पुन: खोलने, समयावृद्धि वापस लेने, नवचयनित शिक्षकों को फिक्स के स्थान पर नियमिती वेतन देने, शिक्षा विभाग एवं संस्कृत शिक्षा में समस्त रिक्त पदों को भरने तथा नवनियुक्ति करने, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त करने तथा पीपी मॉडल खत्म करने की मांग की।
वेदपाल मलिक ने कहा कि शिक्षकों की जायज मांगों को सरकार अनसुना कर रही है। जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। ओमप्रकाश मुहाल ने कहा कि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो शिक्षकों को आंदोलनात्मक कदम उठाना पड़ेगा। रतनसिंह पूनिया, सत्यवीर बागोत, बलवान पूनिया, यासीन खान चौहान, महेन्द्र सिंह मेहरा, गुरुदयाल, राजवीर पूनिया, रोहिताष, रणधीर, ओमप्रकाश, महेशचंद्र आदि शिक्षक उपस्थित थे।

सुजानगढ़. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के तहसील अध्यक्ष शिवपाल राजियासर ने बुधवार को एसडीएम को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में शिक्षकों की मांगों का समाधान करने की मांग की गई है। राजियासर ने शिक्षा विभाग की ओर से जारी विद्यालय नामांकन में न्यूनतम 20 प्रतिशत वृद्धि करने के निर्देशों का विरोध जताया। उन्होंने लिखा कि ऐसे निर्देश प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने व शिक्षकों को प्रताडि़त करने वाले हैं। उन्होंने लंबित पड़ी संगठन की मांगों का समाधान शीघ्र करने की मांग की।

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