scriptRajasthan: राजस्थान में कांग्रेस की हालत 2003 व 2013 जैसी न हो, इसलिए उठाएगी बड़ा कदम | The condition of Congress in Rajasthan is not like 2003 and 2013 | Patrika News

Rajasthan: राजस्थान में कांग्रेस की हालत 2003 व 2013 जैसी न हो, इसलिए उठाएगी बड़ा कदम

locationनई दिल्लीPublished: Apr 22, 2022 07:32:46 am

Submitted by:

Shadab Ahmed

Rajasthan: राजस्थान के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में अभी करीब डेढ़ साल बाकी है, लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस (Congress) और भाजपा (BJP) ने चुनावी शतरंज की बिसात पर अपनी गोटियां बिठानी शुरू कर दी है। कांग्रेस फिर से 2003 या 2013 जैसी स्थिति का सामना नहीं करना चाहती है।यही वजह है कि पार्टी बड़ा कदम उठाते हुए चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव कर सकती है। इसके संकेत पिछले दो दिनों में दिखे हैं। जबकि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से लंबी बैठक की। वहीं इसके अगले दिन गुरुवार को सोनिया ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) से राजस्थान को लेकर लंबी चर्चा की।

Rajasthan Congress Politics: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 12 दिन में दूसरी बार गुरुवार को मुलाकात हुई। इस दौरान राजस्थान समेत देशभर में कांग्रेस को आमजन की आवाज बनाने के लिए चर्चा की गई। राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में 2003 व 2013 जैसी कांग्रेस की स्थिति से बचने के लिए रणनीति में बदलाव पर पायलट की सोनिया से चर्चा हुई है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बैठक के एक दिन बाद पायलट की इस मुलाकात को अहम बताया जा रहा है। कांग्रेस की जहां पीके फॉर्मूले पर गुरुवार को भी बैठक जारी रही। वहीं शाम को सोनिया से पायलट की करीब एक घंटे तक चली मुलाकात में कई मुद्दों पर बात हुई। इसमें राजस्थाना में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करने की रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक के बाद पायलट ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी आमजन की आवाज बनाने पर चर्चा की गई। संगठन चुनाव, राजस्थान के राजनीतिक हालात पर भी फीडबैक दिया गया। वहीं पिछले दो दशक से अधिक समय राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं हो रही है। इस परिपाटी को तोडऩे के लिए हम संगठित होकर चुनाव में जाएंगे और चुनावी जीतेंगे। पार्टी में अपनी भूमिका के सवाल पर पायलट ने कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसको निभाने के लिए वह तैयार है। पहले भी जो जिम्मेदारी दी गई थी, उसे निभाया है।
सही दिशा में उठाए कदम

पायलट ने करीब दो साल पहले कांग्रेस ने एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी के माध्यम से सत्ता व संगठन ने सही दिशा में कदम उठाए हैं। इसको आगे बढ़ाते हुए पार्टी को चुनाव में जाना है। पार्टी अध्यक्ष के साथ अच्छी मुलाकात रही।
इसलिए रणनीति में बदलाव जरूरी

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 156 सीटें जीती थी, लेकिन 2003 में पार्टी महज 56 सीट पर सिमट गई थी। जबकि 2008 में कांग्रेस ने 96 सीटें जीत कर सरकार बनाई थी। पांच साल बाद 2013 में पार्टी 21 सीट पर सिमट गई थी। इस तरह से हालात से बचने के लिए कांग्रेस डेढ़ साल पहले ही रणनीति में बदलाव कर सकती है। कांग्रेस परंपरागत रणनीति छोडक़र नए क्लवेर में नजर आ सकती है।
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