scriptशादी की न्यूनतम आयु बढ़ाने के फैसले से होगा जनसंख्यां पर नियंत्रण | The decision to increase the minimum age of marriage will control the | Patrika News

शादी की न्यूनतम आयु बढ़ाने के फैसले से होगा जनसंख्यां पर नियंत्रण

locationनई दिल्लीPublished: Dec 19, 2021 08:52:58 pm

Submitted by:

Vivek Shrivastava

– वरिष्ठ पत्रकार वैद प्रताप वैदिक बोले इसे बढ़ाकर 25 करना चाहिए

population control law

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष के फैसले पर मिली जुली राय सामने आ रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से यह फैसला करने की वहज है क्योंकि एक वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु को लेकर सरकार चर्चा कर रही है। जल्द ही सरकार इस योजना को व्यवहार में लाने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम, विशेष विवाह अधिनियम और हिंदू विवाह अधिनियम में बदलाव करने के बारे में विचार कर रही है।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला विश्व के लिए एक उदाहरण है।वैदिक ने कहा कि चीन में शादी के लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु 20 वर्ष है क्योंकि वहां जनसंख्या बहुत त्रीवता से बढ़ रही थी। भारत में यह फैसला करना अत्यंत आवश्यक था, इससे मानव जीवन में एक बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि पहले देश में गर्भ में शादियां हो जाय करती थी लेकिन आर्य समाज ने इसमें बदलाव लाने की पहल की और पहले 14 व फिर 18 आयु निर्धारित हुई।
वैदिक ने कहा कि लड़कियों की आयु 21 साल करने से शारीरिक रूप से सही होगा, शरीर पुष्ट होगा, संतान कमजोर नहीं होगी और देश में जनसंख्या पर नियंत्रण होगा। यह क्रन्तिकारी कदम है और इसका स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे भविष्य में बढ़ाकर 25 साल करना चाहिए क्योंकि इस उम्र तक ब्रह्मचर्य का पालन प्राचीन परम्पराओं में आवश्यक माना गया है। भविष्य में मजबूत भारत बनाने में यह फैसला अच्छा साबित होगा, इसका विरोध करने का कोई औचित्य नहीं है।
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विवेक

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