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रेस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग दाबो की तारीफ कर रहे हैं। अपनी दरियादिली पर दाबो ने कहा कि मेरी जगह अगर कोई भी एथलीट होता, तो वह भी यही करता। किसी दूसरे देश के खिलाड़ी की मदद करना सामान्य बात है। दाबो ने कहा कि रेस के दौरान ही मैं समझ गया था कि मैं खुद का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाऊंगा। तब मैं फाइनल में क्वालीफाइ करने के लिए नहीं, बल्कि खुद के लिए दौड़ा। मैंने बुस्बी की मदद की और यही मेरी रेस का मकसद था।