युद्धपोत आईएनएस सूरत (यार्ड 12707) और आईएनएस उदयगिरी (यार्ड 12652) के जरिए देश ने दुनिया को अपनी समुद्र में सामरिक बल में हुई बढ़ोतरी दिखाई । दोनों ही युद्धपोतों की डिजाइन नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोविड और यूक्रेन में चल रहे उथल पुथल के बीच इन विध्वंसकों का निर्माण व शुभारंभ हमारी समुद्री क्षमता और आत्मनिर्भरता की एक मिसाल है। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अफसर के मुताबिक वर्तमान में 50 से अधिक जहाज और पनडुब्बियां स्वदेश में बन रही हैं, और भारतीय नौसेना में लगभग 150 जहाज और पनडुब्बियां पहले से ही शामिल हैं।
गौरतलब है कि प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी के स्टेल्थ यानी रडार को चकमा देने में सक्षम तकनीक से निर्देशित मिसाइल विध्वंसक हैं जिन्हें मुंबई में मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) में बनाया जा रहा है।नया युद्धपोत पूर्ववर्ती 'उदयगिरी', लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का नया अवतार है, जिसने फरवरी 1976 से अगस्त 2007 तक तीन दशकों में फैले देश के लिए अपनी शानदार सेवा में कई चुनौतीपूर्ण आपरेशन देखे।
आंध्र प्रदेश में एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया 'उदयगिरी' प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज है। यह P17 का अनुसरण है। नौसेना ने कहा कि फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) में बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम हैं।
सूरत' प्रोजेक्ट 15B डिस्ट्रायर्स का चौथा जहाज है, जो P15A (कोलकाता क्लास) डिस्ट्रायर्स के एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत करता है, और इसका नाम गुजरात की वाणिज्यिक राजधानी और मुंबई के बाद पश्चिमी भारत का दूसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक केंद्र के नाम पर रखा गया है।
नेवी अफसरों के मुताबिक सूरत जहाज को ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है जिसमें दो अलग-अलग भौगोलिक स्थानों पर ढांचों का निर्माण शामिल है और इसे एमडीएल में एक साथ जोड़ा गया है। ये प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स के तहत तीसरा जहाज है। यह उन्नत हथियारों, सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है।
