गो इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार रूस और यूक्रेन दुनिया के एक चौथाई गेहूं की आपूर्ति करते हैं। पश्चिमी देशों को लगता है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन गेहूं को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। रूस में इस साल गेहूं की फसल शानदार हुई। पुतिन इसे नियंत्रित कर सकते हैं। वह यूक्रेन के खाद्यान्न पर कब्जा कर सकते हैं। दूसरी ओर खराब मौसम की वजह से यूरोप और अमरीका में गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। गो इंटेलिजेंस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सारा मेनकर ने चेतावनी दी कि दुनिया खाद्यान्न को लेकर असाधारण चुनौतियों से जूझ रही है। इसके लिए फर्टिलाइजर की कमी, जलवायु परिवर्तन और खाद्यान्न तेल तथा अनाज का कम भंडार भी बड़ा कारण है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि बिना वैश्विक प्रयास के हम मानवीय त्रासदी को रोक नहीं पाएंगे। ऐसा संकट भू-राजनीतिक दौर को नाटकीय तरीके से बदल सकता है।
भारत पर टिकीं दुनिया की निगाहें
दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है। हालांकि भारत ने घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत की ओर से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का मामला क्वॉड की बैठक में उठ सकता है। अमरीका के राष्ट्रपति बाइडन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निर्यात से प्रतिबंध हटाने का अनुरोध कर सकते हैं।
भारत से गेहूं का निर्यात
वर्ष निर्यात कितने देशों को
2017-18 3.22 48
2018-19 2.26 56
2019-20 21.73 52
2020-21 20.80 65
2021-22 78.50 69
(निर्यात के आंकड़े लाख टन में)