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पिता के शव के पास बिलखते बच्चे के लिए 27 लाख रुपए जुटाए, सोशल मीडिया पर चलाया अभियान

locationनई दिल्लीPublished: Sep 19, 2018 09:04:23 am

Submitted by:

Mohit Saxena

सोशल मीडिया पर पिता के शव के सामने रोते अनिल के सात वर्षीय बेटे की तस्वीर वायरल हो गई,इसके बाद कई लोगों ने निजी तौर उसे धनराशि दी।

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पिता के शव के पास बिलखते

नई दिल्ली। दिल्ली में गत शुक्रवार जल बोर्ड के सीवर की सफाई करते वक्त अनिल नामक सफाईकर्मी की मौत हो गई थी। परिवार में इकलौता कमाने वाले की मौत से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। सोमवार को सोशल मीडिया पर अनिल के सात वर्षीय बेटे की तस्वीर वायरल हो गई। इसमें वह पिता की लाश के पास खड़ा होकर बिलख रहा है। इस तस्वीर के वायरल होते ही अनिल के परिवार की मदद के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर लोगों ने 27 लाख रुपए जुटा लिए हैं। महज कुछ घंटों में खास से लेकर आम लोगों ने 37 साल के मृत सीवर कर्मी अनिल के परिवार की मदद की। इस आर्थिक मदद पर अनिल की पत्नी रानी ने आभार व्यक्त किया है। उसका कहना है कि पति की मौत के बाद घर में कमाने वाला कोई नहीं रहा। बच्चों की परवरिश के लिए उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। अनिल के घर पर भी कुछ लोगों ने बच्चों के लिए मदद भेजी है। कुछ ने बच्चों को खिलौने और साइकल दी। इसे पाकर अनिल का सात वर्षीय बेटा काफी खुश है।
महज चार घंटे में 10 लाख रुपए जुटाए

वहीं काफी लोगों ने क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म केट्टो के माध्यम से मदद दी। एक एनजीओ के संस्थापक राहुल वर्मा की पहल पर लोगों ने मदद की शुरुआत की। केट्टो पर 16 दिनों में 24 लाख जुटाने का लक्ष्य रखा गया था,पर वहां महज 4 घंटे में करीब 10 लाख रुपए की राशि जुटा ली गई। इनमें 500 लोगों ने 15 रुपये से 50 हजार तक की राशि दान की। एक अनुमान के अनुसार पूरे दिन चले इस अभियान में करीब 27 लाख रुपये की मदद आ चुकी है। अनिल की मौत शुक्रवार को दिल्ली जल बोर्ड के सीवर की सफाई के दौरान पश्चिमी दिल्ली के डाबरी इलाके में हो गई थी। स्थानीय नागरिक सतबीर काला ने अनिल को निजी तौर पर सफाई के लिए बुलाया था। अनिल बेहद गरीब था और घर में कमाने वाला इकलौत सदस्य था। उसके तीन बच्चे हैं।
सीवर में टूट रही है जीवन की डोर, हर पांचवें दिन एक की मौत

कमजोर थी कमर में बांधने वाली रस्सी

गौरतलब है कि सफाई कर्मी अनिल के साथ उसका साथी रमेश भी था। उसने बताया कि वह और अनिल एक दूसरी साइट पर काम कर रहे थे। करीब शाम सात बजे उनके पास सतबीर काला का फोन आया कि उनके इलाके का सीवर पाइप चोक हो गया है, इसे साफ करना है। अनिल को पैसे का लालच दिया गया। ऐसे में वे दोनों सीवर की सफाई के लिए वहां पहुंचे। इस दौरान काला ने उन्हें एक पुरानी रस्सी देकर सीवर में उतरने को कहा। रमेश ने इसका विरोध भी किया मगर अनिल रस्सी कमर में बांधकर सीवर में उतर गया। उतरने के कुछ मिनट बाद ही सीवर से अनील के चीखने आवाज आई, उसका पैर फिसल गया था। इस दौरान रस्सी पर जोर पड़ा और वह टूट गई। अनिल 20 फीट गहरे सीवर जा गिरा। बाद में पुलिस की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
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