नवाचार बढऩे से नई तकनीकों का विकास होगा। इससे भारत एक तकनीकी महाशक्ति बनकर उभरेगा। निजी सहभागिता से उपग्रहों के प्रक्षेपण लागत में कटौती होगी, उन्नत अंतरिक्ष यानों का विकास होगा।। गहन अंतरिक्ष में हमारी पहुंच और वहां तक पहुंचने का हमारा सामथ्र्य बढ़ेगा। मानव मिशन भेजने के साथ ही हम ऐसा करने वाले दुनिया के चौथे राष्ट्र के रूप में पहचाने जाएंगे। अभी 17 हजार लोग इसरो में तक नीकी विकास, अंतरिक्ष गतिविधियों और नियमित मिशन में योगदान दे रहे हैं। नए अंतरिक्ष सुधारों से पूरे देश के पास अवसर होगा कि वह अपनी भूमिका निभा सके। फिर यह केवल 17 हजार लोगों की बात नहीं रह जाएगी। अब पूरा देश भाग ले सकेगा। नए साल में चंद्रयान-3 लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो लैंडिंग मिशन होगा। इसके बाद चांद से नमूने लाने की भी योजना बनाएंगे।
रॉकेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर शिवन ने बताया कि अंतरिक्ष परिवहन, नेविगेशन, अंतरिक्ष अन्वेषण, मानव अंतरिक्ष उड़ान नीति को मिलाकर एक समग्र राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति पर काम कर रहे हैं। साथ ही निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष गतिविधियों में शामिल करने के लिए भी अनुकूल नीतियां बनानी होंगी।
– राजीव मिश्रा