वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने समिट में कंपनी से आपात स्थिति में बच्चों को जल्दी राहत प्रदान करने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन के साथ मिलकर काम करने को कहा। साथ ही उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाने के लिए कंपनी को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निम्हान्स) जैसे संस्थानों के साथ काम करने के लिए कहा। इस अवसर पर मेटा की वाइस प्रेसिडेंट ग्लोबल हेड ऑफ सेफ्टी – ऐंटीगन डेविस, मेटा (इंडिया) की वाइस प्रेसिडेंट, संध्या देवनाथन और मेटा (इंडिया) की हेड ऑफ इंस्टाग्राम एंड पॉलिसी प्रोग्राम – नताशा जोग भी पैनल डिस्कशन में उपस्थित रहीं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सुरक्षा उपकरणों के बारे में फैलाई जाए जागरूकता केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपात स्थिति के दौरान, एक बच्चा एक एनजीओ को कॉल करता है जो तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए स्पष्ट रूप से सुसज्जित नहीं है। ऐसे अंतराल हैं जिन्हें अभी भी दूर करने की आवश्यकता है। मैं इस तथ्य से अवगत हूं कि मेटा ने प्रशासनिक जवाबदेही पर कभी ध्यान नहीं दिया है। एनजीओ आपातकालीन स्थिति के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए नहीं हैं। अगर हम तत्परता के साथ बाल सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करना चाहते हैं, तो हमें उन एजेंसियों के साथ काम करने की जरूरत है, जिनके पास तत्काल प्रतिक्रिया के लिए समय है। केंद्रीय मंत्री ने कंपनी से अपने प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सुरक्षा उपकरणों के बारे में जागरूकता फैलाने को कहा। उन्होंने कहा कि मैंने रेलवे प्लेटफॉर्म पर खड़े होने, मेट्रो में कूदने और बच्चों का अपहरण करने जैसी असुरक्षित परिस्थितियों में लोगों द्वारा कुछ रील बनाने की कई खबरों पर ध्यान दिया है। यह मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का एक बड़ा हिस्सा है, मुझे उम्मीद है कि आप इसे आगे बढ़ा सकते हैं।
अंतरंग तस्वीरों की समस्या से निपटने के लिए कंपनी ने लॉन्च किया नया प्लेटफॉर्म मेटा की वाइस प्रेसिडेंट ग्लोबल हेड ऑफ सेफ्टी ऐंटीगन डेविस ने कहा कि उन्होंने भारत से केंद्रीय मंत्री द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई करने को कहा है। इस अवसर पर कंपनी द्वारा एक नए प्लेटफॉर्म ‘टेक इट डाउन’ की घोषणा की गई। जिसे नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लोइटेड चिल्ड्रन (NCMEC) ने कंपनी के समर्थन से बनाया है। इस टेक इट डाउन प्लेटफार्म का उद्देश्य बिना सहमति के अंतरंग तस्वीरों की समस्या से निपटने में युवाओं की सहायता करना है। जिससे युवाओं को गैर-सहमति वाली अंतरंग तस्वीरों के प्रसार की जांच करने में मदद मिल सके। कंपनी ने कहा कि लोग टेकइटडाउन.एनसीएमईसी.ओआरजी पर जाकर एक मामला दर्ज करा सकते हैं, जो भाग लेने वाले ऐप्स पर उनकी अंतरंग तस्वीरों को सक्रिय रूप से खोजेगा।