देवघर. झारखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैद्यनाथ धाम मंदिर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित त्रिकुट पहाड़ पर रोप-वे दुर्घटना में कम से कम तीन पर्यटकों की मौत हो गई। सेना की मदद से चलाए गए बचाव अभियान में 27 पर्यटकों को सुरक्षित उतार लिया गया है। अंधेरा होने के कारण सोमवार शाम को बचाव कार्य रोकना पड़ा, जिससे 20 पर्यटक घटना के करीब 36 घंटे बाद तक करीब 1000 फुट ऊपर रोप-वे की तारों से लटके रहने को मजबूर हैं। इस दुर्घटना ने एक बार फिर देशभर में मौजूद रोप-वे के रखरखाव पर सवाल उठा दिए हैं।त्रिकुट पहाड़ की यह दुर्घटना रविवार शाम करीब 4.30 बजे हुई। केबल टूटने से यात्रियों से भरी ट्रॉली नीचे गिर पड़ी। इससे दो महिलाओं की मौत हो गई। सोमवार को बचाव कार्य के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूटने से एक पर्यटक की गिरकर मौत हो गई। घटना में दर्जनों पर्यटक घायल हुए हैं, जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। त्रिकुट पहाड़ की ऊंचाई 392 मीटर (करीब 1200 फुट) है।
घटना स्थल पर मौजूद नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट (एनडीआरएफ) के असिस्टेंट कमांडेंट विनय कुमार सिंह ने बताया कि रोप-वे पर फंसे सभी पर्यटकों को खाने-पीने का सामान ड्रोन के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पहली नजर में हादसे की वजह तकनीकी गड़बड़ी लग रही है, पर जांच के बाद ही किसी अंतिम नतीजे तक पहुंचा जा सकता है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रोप-वे को जिन लोगों ने बनाया है, उनकी टीम भी पहुंच गई हैं। सरकार की सभी चीजों पर नजर है। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि आइटीबीपी के जवान भी बचाव कार्य में लगे हुए हैं। जल्द ही सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
रोप-वे का प्रबंधन निजी कंपनी के हाथ में था। उसके प्रबंधक और अन्य कर्मचारी दुर्घटना के बाद भाग चुके हैं। दो पर्यटक घबरा कर टॉली से कूद गए थे, वह बुरी तरह जख्मी हैं। इस 766 मीटर लंबे रोप-वे पर 25 ट्रॉली लगी हुई हैं। हर ट्रॉली में चार यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। दुर्घटना के समय इसमें बच्चों समेत करीब 50 यात्री सवार थे। ज्यादातर यात्री असम के बताए गए हैं।
डर भगाने के लिए रातभर करते रहे बात रोपवे हादसे में फंसे लोग रविवार को रात भर ट्रॉली में बैठे रहे। एक-दूसरे से बात करके अपने डर को खत्म किया। सुबह होते ही सेना ने बचाव अभियान शुरू किया। स्वास्थ्य एवं आपद प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि दुर्घटना की जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह समय राजनीति का नहीं बल्कि पीड़ितों को सहायता पहुंचाने का है। आपदा प्रबंधन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार, इंडियन आर्मी और इंडियन एयर फोर्स की मदद से राहत कार्य कर रही है, सरकार की प्राथमिकता लोगों की जान बचाने की है, एनडीआरएफ की टीम भी बचाव कार्य में लगी है। घायलों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराया जाएगा।
डर भगाने के लिए रातभर करते रहे बात रोपवे हादसे में फंसे लोग रविवार को रात भर ट्रॉली में बैठे रहे। एक-दूसरे से बात करके अपने डर को खत्म किया। सुबह होते ही सेना ने बचाव अभियान शुरू किया। स्वास्थ्य एवं आपद प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि दुर्घटना की जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह समय राजनीति का नहीं बल्कि पीड़ितों को सहायता पहुंचाने का है। आपदा प्रबंधन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार, इंडियन आर्मी और इंडियन एयर फोर्स की मदद से राहत कार्य कर रही है, सरकार की प्राथमिकता लोगों की जान बचाने की है, एनडीआरएफ की टीम भी बचाव कार्य में लगी है। घायलों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराया जाएगा।